सांसद, विधायकों तक ने किये हाथ काले
फर्रुखाबाद: ठंडी सड़क स्थित वक्फ मुस्तहसिन वल्द नबाव मोहम्मद की करोड़ों रुपये की सम्पत्ति पर अवैध कब्जे की कवायद लगभग पूर्ण हो चुकी है। सर्वे अपर आयुक्त (वक्फ) की आपत्ति के बावजूद जमीन का न सिर्फ बैनामा हो गया वल्कि इस पर निर्माण के लिए नियत प्राधिकारी कार्यालय से नक्शा भी पारित कर दिया गया। जाहिर है कि इस पूरे खेल में राजस्व व रजिस्ट्री कार्यालय की मिलीभगत के साथ-साथ नियत प्राधिकारी की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग गये हैं। शुक्रवार को निर्माण कार्य प्रारंभ होने पर स्थानीय लोगों की शिकायत पर पहुंचे अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने निर्माण कार्य को फिलहाल तो रुकवा दिया है परन्तु अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है।
नगर में ठंडी सड़क पर रेलवे स्टेशन से चंद कदमों की दूरी पर स्थित करोड़ों रुपये की वक्फ सम्पत्ति पर अवैध कब्जे का ताना बाना तो विगत लोकसभा चुनाव के दौरान एक दबंग प्रत्याशी को बैनामे से शुरू हो गया था। परन्तु चुनाव हारने के बाद उन्होंने इससे अपना पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद इसमें एक विधायक जी ने भी अपने हाथ धोये। परन्तु आखिरकार ये जमीन शहर के एक चर्चित धन्नासेठ गौरहरी अग्रवाल के हत्थे चढ़ गयी।
सर्वे अपर आयुक्त (वक्फ) कार्यालय के अभिलेखों के अनुसार ये जमीन नबाव शमशाबाद के वंशजों में से एक मुस्तहसिन पुत्र नबाब मोहम्मद के वक्फ के तौर पर दर्ज है। वाकिफकारों ने ये जमीन नानकचन्द्र अग्रवाल को 99 साल के पट्टे पर दी थी। नानकचन्द्र अग्रवाल के तीन पुत्रों ने बाद में इस जमीन का आपस में बंटवारा कर लिया। जिनमें से विनोद कुमार व विनय कुमार ने जमीन के वक्फ होने के तथ्य को छिपाकर अपने हिस्से की जमीनों के बैनामे कर दिये। ये जमीनें कई दबंग सांसद विधायकों के हाथों से गुजरकर आखिर लाला गौरहरी अग्रवाल के नाम आ गयी है। जिस पर वर्तमान में कथित तौर पर गोदाम के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है।
शुक्रवार को स्थानीय नागरिकों की शिकायत पर पहुंचे अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी चन्द्रकांत ने वक्फ निरीक्षक के साथ मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य रुकवा दिया है। इस सम्बंध में गौरहरी अग्रवाल ने जेएनआई को फोन पर बताया कि जमीन का बैनामा उन्होंने नानकचन्द्र अग्रवाल से कराया है। बैनामे की चौहद्दी के अनुसार जमीन ठंडी सड़क पर स्थित है। जबकि जो लोग आपत्ति कर रहे हैं वह बागरुस्तम में स्थित वक्फ सम्पत्ति दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वक्फ सम्पत्ति नहीं है किसी लेखपाल की गलती से वक्फ में दर्ज हो गयी होगी। मेरे पास जमीन के कागज मौजूद हैं। जो समय आने पर दिखा दिये जायेंगे।
सर्वे अपर आयुक्त (वक्फ) के अधिवक्ता नफीश हुसैन ने बताया कि गौरहरी अग्रवाल का बैनामा सरासर गलत है। वक्फ सम्पत्ति का बैनामा हो ही नहीं सकता। तथ्यों को छिपाकर बैनामा कराया गया है। बैनामे में चौहद्दी भी गलत लिखायी गयी है। उन्होंने बताया कि उनके पास मूल बैनामे की प्रमाणित प्रति उपलब्ध है। बैनामे में उल्लखित चौहद्दी के अनुसार जमीन को सड़क से 200 फिट दक्षिण में दर्शाया गया है। इस चौहद्दी के अनुसार जमीन रेलवे बाउंड्री के बाद शुरू होती है, जोकि असंभव है। उन्होंने बताया कि वह इस सम्बंध में जिलाधिकारी से भेंट कर कार्यवाही की मांग करेंगे।