लखनऊ| उत्तर प्रदेश में माया सरकार के सबसे बड़े राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत हुए हजारों करोड़ रुपये के घोटाले में फंसे यूपी के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ला और उसके साथियों ने सर्जिकोइन कंपनी को 17 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाने के बदले 4.5 करोड़ रुपये घूस ली थी| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यह दावा प्रदीप शुक्ला के खिलाफ दर्ज एफआईआर में किया है|
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदीप शुक्ला ने दिल्ली तथा लखनऊ में घूस की रकम ली थी और इस काम में एक पूर्व राजनेता के रिश्तेदार अशोक वाजपेयी ने अहम भूमिका निभाई थी| प्रदीप शुक्ला उत्तर प्रदेश में प्रमुख स्वास्थ्य सचिव के साथ-साथ एनआरएचएम में मिशन डारेक्टर के पद पर भी तैनात थे|
गौरतलब है कि एनआरएचएम के तहत वर्ष 2009 में उत्तर प्रदेश के 36 जिला अस्पतालों के लिए कुछ उपकरणों की खरीद की गई थी| सीबीआई दस्तावेजों में इस खरीद का टेंडर प्राप्त करने के लिए ही सर्जिकोइन कंपनी के नुमाइंदों मानवेन्द्र चड्डा और गिरीश मलिक ने प्रदीप शुक्ला को रिश्वत दी थी| इतना ही नहीं प्रदीप शुक्ला ने सभी नियमों को ताक पर रखकर यह ठेका सर्जिकोइन कंपनी को ही दिलाया था|
आपको बता दें कि काफी समय से घात लगाये बैठी सीबीआई ने प्रदीप शुक्ला को गुरुवार को लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डे से गिरफ्तार कर लिया| सीबीआई ने शुक्ला को उस समय गिरफ्तार किया जब वह लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे| शुक्ला को केंद्र व राज्य सरकार में उच्चतम स्तर से संरक्षण प्राप्त था, इसलिए सीबीआई अफसर भी उनपर अब तक हाथ डालने से कतरा रहे थे| शुक्ला को पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का करीबी माना जाता है| हालांकि यूपी मेडिकल घोटाले में शुक्ला की गिरफ्तारी को अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी माना जा रहा है| प्रदीप शुक्ला को गुरुवार को गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें सात दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया गया| सीबीआई अब शुक्ला से घूस की रकम के बारे में पूछताछ कर रही है|