फर्रुखाबाद: एआरटीओ कार्यालय में इस समय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने एवं अपने वाहनों के रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में यहां पर दलालों की भी खूब बन आयी है। सुबह से ही दलाल पहुंचकर लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का ठेका लेकर धड़ल्ले से वसूली कर रहे हैं।
एआरटीओ कार्यालय में जहां 60 रुपये लर्निंग डीएल फीस है वहीं ये दलाल भोलीभाली जनता से 300 रुपये तक वसूल कर रहे हैं। वहीं स्थायी लाइसेंस बनवाने की मात्र 140 रुपये फीस है वहीं ये दलाल 600 रुपये वसूल रहे हैं। वहीं जो फार्म 2 रुपये कीमत का है वही फार्म 10 रुपये में जनता को दिया जा रहा है। एआरटीओ के बाबू विनोद कुमार दुबे की हीला हवाली व लापरवाही से दलालों के हाथों जनता लुट रही है।
वहीं बुधवार को एआरटीओ कार्यालय के बाहर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए भारी भीड़ एकत्र थी। तभी यहां फोटो खींच रहे बाबू विनोद कुमार दुबे द्वारा दलाल प्रदीप अवस्थी, श्यामबीर के फार्म पहले ले लिये जाने से जनता हंगामा करने लगी। लाइन में घंटों धूप में खड़े लोगों ने बाबू को जमकर गालीगलौज किया। जिससे बाबू ने खिड़की बंद कर सभी को बाहर निकाल दिया। लगभग आधा घंटे बाद बमुस्किल खिड़की खुलने के बाद दोबारा फोटों खींचने की प्रक्रिया शुरू हो सकी।
अब देखने वाली बात है कि एक तरफ जनता को डीएल न होने पर पुलिस चालान कर रही है दूसरी तरफ डीएल बनवाने के लिए इतनी बड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है कि लोग परेशान हो हो कर थक कर बैठ जाते हैं। वहीं एआरटीओ की ढिलमुल रवैये से शहर में अधिकतर गाड़ियां बिना रजिस्ट्रेशन व डीएल के चल रही हैं। जिसे देखने वाला कोई नहीं है। वहीं पुलिस भी वसूली करके बिना लाइसेंस वाहन चलाने वालों को छोड़ देती है।
एआरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार का पुराना रिकार्ड है और यह भ्रष्टाचार का दौर अभी तो रुकता नहीं दिख रहा है। काश! नवागंतुक जिलाधिकारी की नजर एआरटीओ कार्यालय पर भी एक बार पड़ जाये तो सारा भ्रष्टाचार ही उजागर हो जाये।