फर्रुखाबाद: कोतवाली फतेहगढ़ क्षेत्र के मोहल्ला भूसामण्डी निवासी 35 वर्षीय मजदूर रोशनलाल पुत्र भजनलाल का शव नेकपुर चौरासी निवासी कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्र नाथ कटियार के घर के बाहर बने हाते की झाड़ियों में मिला।
रोशनलाल की मां रुकमणी ने बताया कि रोशनलाल बीते तीन दिनों से घर से चला गया। मृतक की पत्नी बबिता राजपूत ने बताया कि उसका पति रोशनलाल शराब पीने का आदी था। रोशनलाल मजदूरी का काम करता था। जिसके चलते वह अक्सर घर से बाहर चला जाता था। मृतक के दो पुत्र 17 वर्षीय आलोक व 15 वर्षीय पुत्र आकाश के अलावा एक 10 साल की पुत्री दीपा है।
बबिता ने बताया कि रोशनलाल दो भाई था।बड़ा भाई अविनाश गल्ला मण्डी फतेहगढ़ में सब्जी बेचने का काम करता है। अविनाश की पत्नी की मृत्यु कई वर्ष पूर्व आग लगा लेने से हो चुकी है। अविनाश के कोई संतान नहीं है। एक पुत्री पैदा हुई थी वह भी खत्म हो गयी। अविनाश अपनी मां रुकमणी के साथ रहता है व मृतक रोशनलाल अपने बच्चों के साथ अपने मकान में। दोनो मकान पास_पास में ही हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रोशनलाल शराब पीने की बजह से अपनी पत्नी के साथ अक्सर झगड़ा करता रहता था। रविवार सुबह रोशनलाल घर से काम पर जाने की बात कहकर निकला था। तीन दिनों तक वापस नहीं लौटा। परिजन इस भरोसे से रिश्तेदारियों में जानकारी करते रहे कि रोशनलाल शायद कहीं चला गया। लेकिन उनके घर में उस समय कोहराम मच गया जब पता चला कि रोशनलाल का शव नेकपुर में मिला है। तकरीबन 70 वर्ष की रोशनलाल की विधवा मां यह नहीं समझ पा रही थी कि आखिर हुआ क्या। लोगों ने उसे जब बताया कि उसका छोटा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है तो मां के अलावा उसकी पत्नी बबिता व बच्चों का बुरा हाल था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।
कैसे हुई मजदूर रोशनलाल की शिनाख्त !
नेकपुर निवासी कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेन्द्रनाथ कटियार के पुत्र अजय किटयार ने बताया कि मकान की तरफ बदबू आ रही थी। जिसकी जानकारी करने हम लोग झाडि़यों की तरफ गये तो वहां एक शव क्षत विक्षत अवस्था में पड़ा देखा। जिसकी सूचना तत्काल कर्नलगंज चौकी इंचार्ज नासिर हुसैन को दी। इसके बाद सीओ सिटी विनोद कुमार व इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे। मृतक के पास से एक पर्स बरामद हुआ। जिसमें कुछ बिजली के बिल व एक बजाज एलियांज को लिखा गया पत्र था कि वह पालिसी नम्बर ०१२७८३८२४३ पड़ा था। जिसमें ५० हजार रुपये तत्काल कंपनी के प्रबंधक से वापस लेने की बात कही गयी थी। यह प्रार्थनापत्र २००९ में लिखा गया था। पर्स से दो पहचान पत्र बरामद हुए जिसमें रुकमणी व अविनाश का नाम लिखा था। बीमा कंपनी से इस पालिसी नम्बर के बारे में पूछताछ करने पर उसकी शिनाख्त रोशनलाल के नाम से हो गयी। पुलिस ने तत्काल परिजनों को सूचना दी।
कहीं लेनदेन के चक्कर में तो नहीं की गयी मजदूर की हत्या!
मृतक रोशनलाल की मां रुकमणी देवी जिस बिंदु को लेकर मोहल्ले के ही एक व्यक्ति पर आरोप लगा रही थी उससे हत्या होने की संभावना भी जतायी जा रही है। परिजनों ने चप्पलों व कपड़ों से फिलहाल रोशनलाल की पहचान तो कर ली लेकिन उन्होंने इस बात को कबूला कि रोशनलाल पर न तो कर्जे की बात कभी सामने आयी व न ही किसी से दुश्मनी लेकिन मोहल्ले के ही एक व्यक्ति के द्वारा रोशनलाल को शराब पिलाकर उसके मकान को जबर्दस्ती लिखा लेने की बात का खुलासा जरूर हुआ। जिसमें मृतक के परिजनों ने बताया कि बीते कुछ वर्ष पूर्व मोहल्ले के ही हुकुम उर्फ जगदीश पण्डित ने लाखों रुपये कीमत का मकान मात्र दो लाख रुपये में शराब पिलाकर अपने नाम लिखा ली व रोशनलाल को पैसे भी नहीं दिये। जिसका मुकदमा अदालत में चल रहा था। मृतक की मां रुकमणी रोशन की मौत के पीछे हुकुम उर्फ जगदीश पण्डित का ही नाम बता रही है। फिलहाल पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुटी है। शव कांग्रेस नेता के मकान के पीछे कहां से आया। मौत के पीछे क्या बजह थी जांच के प्रयास जारी………