फर्रुखाबाद: भुगतान को लेकर गुरुवार को कुछ एनजीओ संचालकों का गुरुवार को डीसी एमडीएम से विवाद हो गया। दोनों ओर से समर्थकों को बुला लिये जाने के बाद मामला सुलह समझौते पर आकर निबट गया। एनजीओ संचालकों ने बीएसए पर अग्रिम कमीशन की मांग रखे जाने का आरोप लगाया है।
विदित है कि विगत अगस्त से ही जिलाधिकारी के आदेश पर परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन वितरण का कार्य एनजीओ से हटाकर सभासदों के हवाले कर दिया गया था। व्यवस्था यह थी कि एनजीओ का भुगतान संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों के सत्यापन के उपरांत किया जाता है। दो एनजीओ “प्रियंम आनंद” व “सिद्धार्थ जनकल्याण” के बिलों का सत्यापन सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया था। अब ३१ मार्च सामने देख एनजीओ ने भुगतान पर दबाव बनाना शुरू किया है। गुरुवार को इसी बात को लेकर एनजीओ संचालकों का जिला समंवयक मध्यापह्न भोजन अतुल सिंह से विवाद हो गया। मामले के तूल पकड़ने पर दोनों ओर से समर्थक बुला लिये गये। एनजीओ संचालक बीएसए द्वारा अग्रिम कमीशन की मांग किये जाने के आरोप लगा रहे थे।
जिला समंवयक ने बताया कि मामूली विवाद हो गया था। बाद में समझौता हो गया। अग्रिम कमीशन की जानकारी के विषय में उन्होंने अनभिज्ञता प्रकट करते हुए बताया कि यदि किसी को शिकायत है तो वह उच्चाधिकारियों से वार्ता कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भुगतान के आदेश बीएसए द्वारा ही किये जाने हैं।