रमाबाई नगर की पुलिस बुधवार को यहां पार्क रोड स्थित माध्यमिक शिक्षा परिषद निदेशक के शिविर दफ्तर पहुंची। प्रभा ने गिरफ्तारी से बचने को हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे ले रखा है। पुलिस ने यहां प्रभा त्रिपाठी के बारे में पूछा। वह मौजूद नहीं थीं। करीब एक घंटे बाद प्रभा त्रिपाठी शिविर कार्यालय पहुंची। बताया जाता है कि रमाबाई नगर की पुलिस करीब पांच बजे शिविर कार्यालय पहुंची जहां बंद कमरे में उनसे पूछताछ शुरू हुई। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने प्रभा त्रिपाठी से पूछा कि फार्म की बिक्री से आए 62 करोड़ रुपये कहां गए, खाता लखनऊ में किसके कहने पर खोला गया, टीईटी रिजल्ट कराने के लिए कंप्यूटर कंपनी को ठेका किसके कहने पर दिया गया, ठेके के लिए टेंडर कब निकाला गया, कितने छात्र-छात्रों के रिजल्ट संशोधित किए गए, रिजल्ट संशोधन के नाम पर कितने लोगों से वसूली की गई। सूत्रों का कहना है कि प्रभा त्रिपाठी ने पुलिस को कुछ खास जानकारी नहीं दी है। उन्होंने अधिकतर सवालों का जवाब संजय मोहन के पास होने की जानकारी देकर टाल दी है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की पूर्व सचिव प्रभा त्रिपाठी से रमाबाई नगर की पुलिस ने लगभग दो घंटे तक पूछताछ की। उन्होंने पुलिस को बताया कि टीईटी फार्म का खाता पंजाब नेशनल बैंक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक और सचिव के संयुक्त नाम से खोला गया था। इससे कितनी धनराशि कब निकाली गई, इसकी पूरी जानकारी उन्हें भी नहीं है। उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की धांधली के बारे में भी पुलिस को खास जानकारी नहीं दी है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि टीईटी धांधली की जांच कर रही रमाबाई नगर पुलिस के दो अधिकारियों को शासन में बुलाया गया था। इनसे पूछा गया कि टीईटी में कितनी धांधली हुई है? क्या परीक्षा रद की जा सकती है?
विदित है कि टीईटी में एक निजी कंपनी को नियम विरुद्ध ढंग से ठेकार दिये जाने व इस कंपनी द्वारा नियमों को ताक पर रखकर सरकारी रिकार्ड को अपने डाटाबेस में स्टोर कर अनैतिक लाभ लिये जाने का खुलास सबसे पहले JNI ने ही किया थ। संबंधित खबर देखने के लिये यहां क्लिक करें……..