दिसंबर के पहले हफ्ते के समाप्त होने से पूर्व ही कोहरे ने अब अपनी चादर को फैलाना शुरू कर दिया है। मंगलवार की शाम से ही गांव से लेकर शहर तक कोहरे की चादर ने जाल फैलाया जो बुधवार सुबह तक छाया रहा। दस बजे के बाद भगवान भास्कर ने अपना दर्शन दिया तो कोहरे की धुंध छटी। इसके चलते गर्म कपड़ों से लेकर गद्दा-रजाई की दुकानों पर भी तेजी दिखाई दे रही है।
ठंड का असर नवंबर के प्रारंभ में ही कोहरे के साथ हो गया था, लेकिन महज एक दो दिन बाद कोहरा के छंट जाने से ठंड में बढ़ोत्तरी नहीं हुई। दिसंबर माह में ठंड में कुछ वृद्धि हुई तो मंगलवार को कोहरे ने वातावरण को अपनी आगोश में ले लिया। सुबह लोग ठिठुरते और आग तापते नजर आए। रात में चलने वाली गाड़ियों को भी आवागमन की समस्या से जूझना पड़ रहा है। रोडवेज की बसें और ट्रेनों भी अपने निर्धारित समय से विलंब से चल रही है। रात्रि में चलने वाली गाड़ियां धीरे धीरे चल रही हैं इसके चलते उनका विलंब से चलना स्वभाविक है। गाड़ियों के लेट लतीफी का खामियाजा दूर दराज जाने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
ठंड बढ़ने के साथ गरीब वर्ग के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ठंड से बचाव के लिए वह तरह तरह के जतन कर रहे हैं। गद्दा-रजाई व कंबल आदि की बिक्री भी तेज हो गई है। गद्दा-रजाई व कंबल बाजार में जहां गरीबों के लिए 250 से लेकर 500 रुपये तक उपलब्ध हैं वहीं उच्च स्तरीय कंबल व रजाई की कीमत 500 से लेकर दो हजार रुपये तक है। दुकानों पर ऊनी कपड़े जैसे जैकेट, इनर, मफलर, स्कार्प आदि की भी मांग बढ़ गई है। हर वर्ग के लोग अपने बजट के हिसाब से ऊनी कपड़ों को पसंद कर खरीददारी कर रहे हैं।
ठंड और कोहरे का असर तेजी से होने के बाद भी प्रशासन के तरफ से अभी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था नहीं की गई है। नगर के रोडवेज, रेलवे स्टेशन, टैक्सी स्टैंडों पर रात को यात्रियों को गाड़ी के इंतजार में ठिठुरते हुए देखा जा रहा है। बावजूद इसके अभी अलाव जलाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं हो सकी है। नगर पालिकाध्यक्ष तैयब पालकी का कहना है कि अभी ठंड कम पड़ रही है फिर भी पालिका अलाव जलवाने की तैयारी में जुटा है। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही सार्वजनिक स्थानों को चिह्नित कर अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।