शतरंज, सुडोकू, क्विज या बूझो तो जानें जैसे खेल अल्जाइमर्स की आशंका को कम करते हैं। इसके अलावा नियमित कुछ पढ़ने वालों, मिलनसार व्यक्तित्व व सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहने वालों में भी इस बीमारी की आशंका कम रहती है। अल्जाइमर्स में उम्र एक महत्वपूर्ण कारक है लिहाजा रिटायरमेंट के बाद खाली बैठने के बजाय कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। ऐसा करने से भूलने की इस बीमारी से बचा जा सकता है।
डॉ.मेहदी हसन के 75वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्र्वविद्यालय के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ.राकेश शुक्ला ने बताया कि इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज मुमकिन नहीं है। मरीजों से उनकी दिनचर्या से जुडे़ सवाल पूछकर बीमारी की गंभीरता का अंदाजा लगाया जाता है। परिवार के सहयोग से बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।