फर्रुखबाद: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अधिकारी की ओर से रविवार को जारी 292 प्राथमिक शिक्षकों की सूची में एक भी दलित शिक्षक को स्थान नहीं मिल पाया है। विज्ञान शिक्षक के पद पर प्रोन्नति की अर्हता रखने वाले अनेक शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालयों का प्रधानाध्यापक बना दिया गया है, जबकि अनेक पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान शिक्षक के पद रिक्त रह गये हैं। विभिन्न शिक्षक संगठनों की तरफ से विगत लगभग चार माह से प्रोन्नति के लिये किये जारहे आदोलनों व एक संगठन की ओर से आत्मदाह तक की धमकी दे दिये जाने के बाद रविवार को आखिर 292 प्राथमिक शिक्षकों की प्रोन्नति सूची जारी कर दी गयी। अचम्भे की बात तो यह है कि अनुसूचित जाति कर्मचारी संघ की ओर से दलित शिक्षकों की प्रोन्नति के लिये किये जा रहे आंदोलन के बावजूद इस भारी भरकम सूची में एक भी दलित शिक्षक को स्थान नहीं मिला है। कई महिला शिक्षकों को उनके द्वारा दिये गये विकल्पों को भी बदल कर उनको दूरस्थ विद्यालयों में पटक दिया गया है। लंबे समय (कई वर्षों से) से अवैतनिक व चिकित्सीय अवकाश चल रहे तीन शिक्षकों को भी प्रोन्नति दे दी गयी थी। जबकि अवैतनक अवकाश पर जाने के बाद सेवाकाल में “ब्रेक” हो जाता है, जिससे वरिष्ठता समाप्त हो जाती है। प्रोन्नति किये गये 134 पुरुष शिक्षकों में से नौ को ही उनके कार्यरत विकास खंड में ही तैनाती मिली है। शेष को दूसरे विकास खंडों में भेजा गया है। विशिष्ट बीटीसी 2005 भर्ती के 4 शिक्षकों राजनरायन शाक्य, नरेंद्र पाल सिंह, मीरा देवी शाक्य व श्रवण कुमार को उनके प्रमाणपत्रों के विषय में जारी जांच के क्रम में प्रोन्नति से वंचित किया गया।