फर्रुखाबाद:गंगा, राम गंगा के बीच की कटरी में बाढ़ के कारण गैस अथार्टी इंडिया लिमिटेड (GAIL ) की अंडरग्राउंड पाईप लाइन के खुलकर ऊपर आ जाने से के लगभग एक दर्जन गाँव पर मौत का साया मडराने लगा है| जिसको लेकर ग्रामीणों में दहशत फ़ैली हुयी है|
GAIL की पाईप लाइन इटावा के दिबियापुर इलाके से गुजरकर फर्रुखावाद, हरदोई, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद होते हुए राजधानी दिल्ली तक गयी है| इस पाईप लाइन के ऊपर कई उर्बरक कारखानों के अतिरिक्त देश की राजधानी दिल्ली के दो बिजली घर व दिल्ली के वाहनों में होने वाली सीएनजी आपूर्ति निर्भर है| इस पाईप लाइन में सीएनजी 90 Kg. के दवाव पर बहती है| ज़ाहिर है कि इस अत्यधिक ज्वलनशील गैस को अत्यधिक दवाव के साथ प्रवाहित करने के लिए जो पाईप लाइन गुज़री है वह काफी संवेदनशील है| यह पाईप लाइन फर्रुखाबाद हरदोई सीमा पर गंगा व राम गंगा के बीच के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से गुज़री है| जहां पर इस संवेदनशील पाईप लाइन का काफी बड़ा भाग खुलकर ऊपर आ गया है| जिससे गंगा कटरी क्षेत्र के लगभग एक दर्जन ग्रामों पर भीषण तबाही के बादल मंडराने लगे हैं| इसके साथ ही इस पाईप लाइन से पोषित उर्बरक व कारखानों व देश की राजधानी दिल्ली की विद्युत एवं यातायात व्यवस्था अपर भी संकट मंडराने लगा है|
इस पाईप लाइन की मरम्मत के लिए गेल इंडिया लिमिटेड के दिबियापुर से आये अधिकारीयों ने डेरा जमा दिया है| परन्तु पाईप लाइन की मरम्मत के लिए लाई गयी भारी भरकम मशीनों को स्थानीय ग्रामीणों ने अपने कब्जे में कर रखा है| जिसके चलते पाईप लाइन की मरमत का कार्य ठप हो गया है| इस सम्बन्ध में GAIL अधिकारीयों का कहना है कि इस पाईप लाइन पर कार्य करने से पूर्व जिला प्रशासन के माध्यम से वाकायदा आस-पास के ग्रामीणों की जमीन का अस्थायी अधिग्रहण कर लिया गया था| इसके एवज में ग्रामीणों को मुआवजा भी दे दिया गया था| कुछ ग्रामीणों ने मुआवजा कम बताकर लेने से इनकार कर दिया है| अब यही ग्रामीण मशीनों को बंधक बनाए हैं| इस सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन से वार्ता की जा रही है| वार्ता के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी|