फर्रुखाबाद: मौसम की विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए देश की सीमा पर शहीद हुए 24 राजपूत रेजीमेंटल के सूबेदार पवन कुमार सिंह राठौर सेना के जवानों ने ने पुष्प चक्र चढ़ा कर श्रद्धांजली दी, व उनके सम्मान में फायर कर शहीद को सलामी दी। रविवार को घटियाघाट पर सात वर्षीय पुत्र विनय ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी।
चीन के नथोला बार्डर पर तैनात, शाहजहांपुर जनपद के अल्लागंज थाने के गांव भुड़िया निवासी पवन कुमार सिंह राठौर विगत 13 अक्टूबर को विपरीत मौसमी परिस्थितयों से जूझते हुए हवा में आक्सीजन की कमी के कारण हृदय गति रुकने से शहीद हो गए। राजपूत रेजीमेंटल की ओर से उनकी शहादत की सूचना घटियाघाट के निकट रहने वाले शहीद के भाई पूर्व सैनिक हरनाम सिंह को दी। नथोला बार्डर से सेना के जवान शहीद के पार्थिव शरीर को दिल्ली तक हवाई जहाज से लाए। दिल्ली से शहीद के पार्थिव शरीर को वाहन से सोमवार को फतेहगढ़ स्थित राजपूत रेजीमेंटल सेंटर पर लाया गया।
शहीद राठौर के पार्थिव शरीर को तिरंगा में लपेट कर सेना के जवान हरदोई जनपद के पिहानी ले गए। वहां पर शहीद के परिजनों ने अंतिम दर्शन किए। शहीद के भाई हरनाम सिंह ने बताया कि पवन कुमार 1987 में सेना में भर्ती हुए थे। उसकी शादी 1981 में ही कर दी थी।
दोपहर बाद तिरंगा में लिपटा पार्थिव शरीर गंगा के किनारे स्थित घटियाघाट लाया गया। सेना के जवानों ने ने पुष्प चक्र चढ़ा कर श्रद्धांजली दी। शहीद के सात वर्षीय पुत्र विनय ने पिता को मुखाग्नि दी। शहीद के चार पुत्रियों के बीच एक पुत्र है जो सबसे छोटा है। एक पुत्री की शादी हो चुकी है।शहीद के पंचतत्व में विलीन होते समय 24 राजपूत रेजीमेंटल के सम्मान गार्द ने तीन-तीन राउंड फायर कर शहीद को सलामी दी।
सूबेदार राधेश्याम, सूबेदार हरज्ञान सिंह, सूबेदार रिदाराम, सूबेदार गोकुल सिंह, नायब सूबेदार प्रेमाराम गुर्जर, नायब सूबेदार लाल बहादुर, हवलदार राजीव व सेना के जवान उपस्थित रहे।