इलाहाबाद हाईकोर्ट में निकाय चुनाव कराने को लेकर दायर याचिका पर भले ही अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया हो, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले नगरीय निकाय चुनाव की संभावना लगभग खत्म हो गई है। नगरीय निकायों में प्रशासक बैठना लगभग तय हो गया है। प्रशासकों की तैनाती नवंबर के दूसरे सप्ताह के बाद शुरू हो जाएगी।
सरकार ने वार्डों के आरक्षण एवं आवंटन नियमावली पर 26 अक्तूबर तक आपत्तियां मांगी हैं। 26-27 अक्तूबर को दीपावली एवं गोवर्धन पूजा का अवकाश है। 28 को कार्यदिवस के बाद 29 एवं 30 अक्तूबर को शनिवार, रविवार का अवकाश रहेगा। इस तरह आपत्तियां का निराकरण नवंबर के पहले सप्ताह में ही हो पाएगा। इसमें लगभग एक हफ्ता लग जाएगा। नगरीय निकायों का कार्यकाल 15 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उस समय नगरीय निकायों का कार्यकाल 4-6 दिन ही बचेगा। राज्य निर्वाचन आयोग को निकाय चुनाव कराने के लिए 45 दिन का समय चाहिए। ऐसे हालात में हाईकोर्ट का जो भी फैसला आए, निर्धारित अवधि में निकाय चुनाव कराना संभव नहीं है।
सरकार और निर्वाचन आयोग चाहे तो भी जनवरी से पहले चुनाव संपन्न नहीं कराए जा सकते। विधानसभा चुनाव से पहले निकायों के चुनाव नहीं हो पाएंगे। कार्यकाल खत्म होते ही निकायों में प्रशासक बैठने प्रारंभ हो जाएंगे। निकायों का कार्यकाल बोर्ड की पहली मीटिंग से तय होता है, ऐसे में नवंबर के दूसरे सप्ताह से प्रशासकों की तैनाती प्रारंभ हो जाएगी।