फर्रुखाबाद: नवरात्रि को फलाहार के चक्कर में बीके केले व सेब की अधिक बिक्री के कारण केला व सेब बिक्रेताओं की पौबारह हुयी लेकिन आज जब राम नवमी को सभी ने अपना वृत तोड़ा तो कन्याओं को भोज कराने के लिए जलेबी बिक्रेताओं की दुकान पर जलेबी खरीदने वालो की लम्बी लाईने देखी गयी|
नवरात्रि के अवसर पर अच्छी कमाई कर रहे फल बिक्रेताओं ने नव दुर्गा के आठ दिनों तक अपनी जेबें अच्छी खासी गर्म की लेकिन आज रामनवमी पर जलेबी की अधिक बिक्री की गर्मी के आगे इन लोगों के केले व सेब ठन्डे पड़ गए| हर मंदिर व घरों में थाली व मेज, बच्चों के हाँथ व मुंह में राष्ट्रीय मिठाई जलेबी ही दिखाई दी|
जलेबी दुकानदार ग्राहकों को पर्याप्त मात्रा में जलेबी आपूर्ति नहीं कर पा रहे थे| कई दुकानों पर तो ग्राहकों व दुकानदार में जलेबी खरीदने व बेंचने के चक्कर में टकराव की स्थित भी बन गयी| जैसा कि नवरातों में नौ कन्याओं को माँ का रूप मानकर राम नवमी के दिन दही व जलेबी से भोज कराया जाता है| इसी परम्परा को लेकर आज हर घर व मंदिरों में जगह-जगह कन्याएं भोज करती दिखाई दीं|
बच्चे जलेबी को अपनी उंगली में फंसाकर व खाकर लुत्फ़ उठा रहे थे| वहीं सेब व केलों के दुकानदार की आँखें दूर तक अपनी नजरें फैलाए ग्राहक का इन्तजार करती देखी गयीं| जब JNI ने सेब व केला व्यवसायी अश्वनी आरिफ से उनकी फलों की बिक्री के बारे में पूंछा तो बिक्रेताओं ने कहा कि आज तो सिर्फ जलेबी की जलबे हैं| मेरे केले व सेबों की बिक्री पर ग्रहण लगा हुआ है|
फल बिक्रेता आरिफ ने बताया कि सेब ५० रुपये से लेकर ९० रुपये तक उपलब्ध है वहीं केला ३० रुपये दर्जन पर बेंच रहा हूँ लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि जिन फलों की दुकानों पर दुकानदार को पानी पीने का समय भी नहीं मिलता था वह आज सुबह से बैठे बैठे पानी मंग गया|