नहीं रुक रहा तहसील में आय प्रमाण पत्रों का घोटाला

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फर्रुखाबाद: तहसीलदार के हस्ताक्षर  से जारी हो रहे हैं, फर्जी प्रमाण आय प्रमाण पत्र। शायद यह बात आपको अटपटी लगे, परंतु यह कड़वी हकीकत है। बुधवार को ऐसे ही दो प्रमाण पत्रों को लेकर आयीं छात्रायें काफी देर तक कार्यालय में चक्कर काटने के बाद मायूस हो कर लौट गयीं। खुशबू व आकांक्षा शर्मा नाम की इन दो युवतियों के पास जो आय प्रमाणपत्र थें उन पर कार्यालय के रजिस्टर में क्रमश: लक्ष्मी बाथम व  साजिया बेगम के नाम दर्ज थे। मजे की बात है कि यही नाम इन नंबरों पर राजस्व परिषद की इंटरनेट साइट पर उपलब्ध है। तो फिर तो यह प्रमाण पत्र फर्जी ही हुए। परंतु प्रमाण पत्रों पर तहसीलदार के हस्ताक्षर असली है। छात्रांओ ने दोनों प्रमाणपत्र जेएनआई को उपलब्ध कराते हुए अपनी समस्या बतायी तो  इसकी बाकायदा पड़ताल की गयी।

खुशबू शर्मा पुत्री बुद्धसेन शर्मा निवासी नाला मच्छरट्टा को यह आय प्रमाणपत्र संख्या 29310102854 विगत 3 मई को जारी किया गया था। इसी प्रकार आकांक्षा शर्मा पुत्री सुशील कुमार निवासी गढी अब्दुल मजीद खां के नाम पर प्रमाणपत्र संख्या 29310102860  उसी तिथि पर जारी किया गया था। परंतु इन प्रमाण पत्रों के नंबरों कोजजब इंटरनेट पर राजस्व परिषद की बेबसाइट पर डाल कर जांच की गयी तो यह क्रमश: लक्ष्मी बाथम  पुत्री लल्ला सिंह बाथम व    सजिया बेगम  पत्नी/पुत्री अनीसा के नाम पर दर्ज हैं। यही विवरण तहसील के रजिस्टरों पर भी दर्ज है। इसके बावजूद तहसीलदार मोहन सिंह ने प्रमाण पत्रों पर अपने पूर्व वर्ती तहसीलदार इस्लमा मोहम्मद व तहसील लिपिक राकेश बाबू के हस्ताक्षर होने की पुष्टि की। मामला उलझा तो रजिस्टर खंगाले गये। काफी देर की पूंछतांछ के बाद मामला सामने आया कि उक्त दोनों प्रमाणपत्र क्रमाश: 29311102854 व 29311102860 पर दर्ज पाये गये। फिर क्या था तहसील कर्मी वर्ष का अंतर होने का बहाना बना कर मामले को सामान्य त्रुटि बताने लगे। तहसीलदार मोहन सिंह ने भी कर्मचारियों की हां में हां मिलानी शुरू कर दी। परंतु यह बताने पर कि एक बार तहसीलदार के हस्ताक्षर से प्रमाणपत्र जारी हो जाने के बाद वह एक दस्तावेज हो जाता है। उस नंबर का रजिस्टर या बेव साइट पर गलत इंद्राज अपने आप में जुर्म है, वह कुछ ढीले पड़े। बोले कि राकेश को पहले ही हटाया जा चुका है। इसके विरुद्ध इस मामले में स्पष्टीकरण तलब किया जायेगा।