आश्रम के मानचित्र में तहखानो का कोई उल्लेख नहीं, जांच शुरू

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फर्रुखाबाद: शहर क्षेत्र के सिकत्तरबाग स्थित आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तीन मंजिला भवन के मानचित्र में अंडरग्राउंड निर्माण का में कोई उल्लेख नहीं है। मानचित्र पत्रावली मिलने के बाद नियम विरुद्ध निर्माण की जांच शुरू कर दी गई है।

पंजाब प्रदेश के खालसा कॉलेज गुरसार साहर लुधियाना के रहने वाले तेजपाल सिंह लांबा व उनकी पत्नी हरविंदर कौर के नाम 28 फरवरी 2002 को स्वीकृत मानचित्र में भूमि को खरीदते समय 2 मंजिल का निर्माण पहले से ही था। जो कि बैनामे में उल्लेखनीय है तत्पश्चात नया भवन मानचित्र स्वीकृत कराया गया।

मानचित्र के लिए नगरपालिका ने चार जुलाई 2001 को, तहसीलदार सदर ने 6 जनवरी 2001 को, विनियमित क्षेत्र के अवर अभियंता ने 20 फरवरी 2002 को तथा सहायक नियोजक नगर एवं ग्राम नियोजन कानपुर ने भूकंपरोधी अनापत्ति व आख्या 13 फरवरी 2002 को प्रस्तुत की। (कंपाउंड) शमन शुल्क 91081 रुपये भुगतान किये जाने से सिद्ध हुआ कि नक्शा पास कराने से पहले ही भवन में कुछ निर्माण कर लिया गया।

मानचित्र के लिए तेजपाल सिंह के नाम आवेदन होने के बाद मंजू व गिरीश बाबू भी सिटी मजिस्ट्रेट के यहां पहुंचे। उन्होंने मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए औपचारिकताएं पूरी कराकर पैरवी की। आश्रम भवन की पत्रावली मिलने के बाद निर्माण संबंधी नियमों व तकनीकी स्थिति की जांच शुरू कर दी गयी है। बुधवार को पत्रावली देखने के बाद फिर मौका मुआयना की तैयारी की गयी है। अवर अभियंता एमके मिश्र ने बताया कि मानचित्र परीक्षण व पुन: जांचकर रिपोर्ट दी जाएगी।