फर्रुखाबाद: नगर के लिंजिगंज हॉस्पिटल में संविदा पर तैनात महिला चिकित्सक डॉ प्रियंका पाण्डेय की सिटी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत के कारणों से आज पर्दा उठेगा| देर रात तक पहले सुलह समझौता कराने का पोलिस ने भरकस प्रयास किया किन्तु प्रियंका के मायके वालो ने मौत को लापरवाही बताकर कारवाही करने का मन बना लिया था| प्रियंका के पिता प्रमोद दुबे के दोपहर तक छत्तीसगढ़ से फर्रुखाबाद पहुचने के बाद ही अगली कारवाही शुरू होगी| देर रात प्रियंका के चाचा प्रदीप दुबे ने कोतवाली फर्रुखाबाद में प्रियंका की मौत को दुर्घटना बताते हुए पोस्टमार्टम कराने का प्रार्थना पत्र दे दिया था|
डॉ प्रियंका के पति पुनीत पाण्डेय जो लखनऊ से देर रात शहर पहुचे उन्होंने प्रियंका के शव को बिना पोस्टमार्टम कराये घर ले जाने का प्रस्ताव रखा था| जिसे प्रियंका के पितृ पक्ष ने इनकार कर दिया और मौत की वजह इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर बिना पोस्टमार्टम कराये प्रियंका के शव को सिटी होस्पिटल से हटाने से इनकार कर दिया|
ज्ञात हो कि कल बुधवार दिनक 10/08/2011 को दोपहर बाद प्रियंका के पेट में दर्द उठने के बाद उसे नगर के सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया| जहाँ डॉ विपुल अग्रवाल उसका इलाज कर रहे थे| डॉ विपुल ने दर्द का इंजक्शन डायानापर लगाने के लिए लिखा| प्रियंका के परिजनों के मुताबिक उक्त इंजक्शन को हॉस्पिटल के एक कम्पाउडर ने लगाया जिसके कुछ देर बाद प्रियंका की मौत हो गयी|
शहर के अन्य डॉक्टर के मुताबिक इस प्रकार का इंजक्शन इंटर मस्कुलर यानि कमर के नीचे मांस में लगाया जाता है या फिर इसे नसों में बहुत ही धीमी मात्रा में लगाया जाता है| ये भी सम्भावना हो सकती है कि ये इंजक्शन नस में तीव्रता (कंसन्ट्रेट) के साथ लग गया हो जो मौत का कारण बन गया| परिजनों के मुताबिक ये डायानापर इंजक्शन बाजू में ग्लूकोस चडाने के लिए लगायी गयी विग्गो में ही लगा दिया गया जो सीधे नसों में तीव्र गति से प्रवेश कर गया| अगर ऐसा है तो ये हॉस्पिटल में अप्रशिक्षित स्टाफ के चलते और लापरवाही के कारण हुई मौत की वजह बनेगी| पोस्टमार्टम के बाद डॉ प्रियंका की मौत के कारणों से गुत्थी उठ सकती है कि उसकी मौत लापरवाही है या प्राकृतिक?
वहीँ सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर विपुल अग्रवाल जो प्रियंका का इलाज कर रहे थे उन्होंने जेएनआई को बताया कि प्रियंका को इंटर मस्कुलर इंजक्शन दिया गया था (कमर से नीचे मांस में लगाया गया था)| जानकारों के मुताबिक पोस्ट मार्टम के दौरान भी ये तथ्य महतवपूर्ण होगा कि अगर इजेक्शन कमर के नीचे मॉस में लगा या नहीं? और यदि लगा भी है तो क्या किसी नस में तो सीधे सीधे इंजेक्शन तो नहीं लग गया?कहीं ये इंजेक्शन प्रियंका की बाजू में ग्लूकोस चडाने के लिए लगाये गए विग्गो में तो नहीं लगा?