बरसात होते ही सोते से जागा जिले का कृषि विभाग

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फर्रुखाबाद: बर्षा हुए करीब एक पखवारा बीत गया और एक सप्ताह से सूखे बादल उमड़ रहे हैं| तब जिला कृषि अधिकारी एके सचान की नींद खुली है| उन्होंने किसानों को फसलों के नुख्से बताकर अधिक उत्पादन करने की सलाह दी है|

किसानों को सलाह दी गई कि वह २२ से २५ दिन की धान की पौध की रोपाई कर दें| धान की खेत की तैयारी के लिए दो दिन बाद खेत की जुताई करें| मरदा शोधन के समय वेवेरिया, वैशियाना अथवा ट्राईकोडर्मा २.५ किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा ६५ से ७० किलोग्राम गोबर की खाद के साथ प्रति हेक्टेयर डालें|

मक्का की देर से पकने वाली फसल करने के लिए प्रजातियों यथा गंगा-११ सरताज, एच क्यू एम फाईव तथा संकुल प्रजातियों में प्रभात, प्रो-३१६, बायो-९६८१, बाई १४०२ आदि की शीघ्र बुबाई करें|

जो कृषक समय में मक्के की बुबाई कर चुके हैं उसकी १५ दिन बाद निराई कर खरपतवार निकला दें|किसानों को अरहर की बुबाई मदों पर करना लाभदायक बताया गया| सिंचित क्षेत्रों में शीघ्र पकने वाली अरहर की प्रजातियों में पारस, यूपी ए एस-१२०, टा-२१ तथा पूसा ९९२ की बुबाई यथा शीघ्र करने की सलाह दी गई|

बीज शोधित न होने पर एक किलोग्राम बीज को २ ग्राम थीमर, एक ग्राम कार्बोडाजिम अथवा ४ ग्राम ट्राईकोड्रम व एक ग्राम कार्बोकिसन से उपचारित करने की सलाह दी है|