फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो)लगभग 17 साल पूर्व आगजनी करनें के मामले में न्यायालय नें अभियुक्त को दोषी करार देकर 10 साल कारवास की सजा से दंडित किया है| जिसमे दो अभियुक्तों की मुकदमा विचारण के दौरान मौत हो गयी| जबकि तीन को न्यायालय ने दोष मुक्त किया गया है|
बीते 27 जून 2007 को कोतवाली फतेहगढ़ के सिबिल लाइन मडैया निवासी नीरज पाठक पुत्र सतीश पाठक नें कोतवाली फतेहगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया था| दर्ज मुकदमें में कहा था कि आरोपी सुधीर पुत्र लालाराम निवासी सिविल लाइन मडैया से कुछ कहासुनी हो गयी थी| जिसकी रंजिश के चलते 27 जून को ही दोपहर लगभग 12 बजे सुधीर नाजायद हथियारों से लैस होकर सुधीर, गुड्डू , उमेश पुत्र लालाराम, लालाराम पुत्र चुन्नीलाल, सतीश पुत्र छोटेलाल, आत्माराम पुत्र छोटेलाल दरवाजे पर आये और गाली-गलौज देनें लगे, उन्होंने दरवाजे पर खड़ी बाइक को तोड़ दिया| भय पैदा करनें की नियत से तमंचा से फायर किया| सुधीर नें माँ को लाठी डंडो से मारा व अन्य लोग नीरज व उसके भाई के साथ मारपीट करनें के साथ ही सुधीर ने छप्पर में आग लगा दी| आरोपी जान से मारनें की धमकी देकर भाग गये|
विवेचक नें सभी 6 आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया| मुकदमा विचारण के दौरान आत्माराम व सतीश की मौत हो गयी| जबकि गुड्डू, उमेश कुमार पुत्र लालाराम व लाला राम पुत्र चुन्नी लाल को न्यायालय ने दोष मुक्त कर दिया| अभियुक्त सुधीर को न्यायालय ने 10 साल का कारावास व 11 हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किया है|