झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में लगी आग, 10 बच्चों की झुलसकर मौत,आग ने बुझा दिए कई घरों के चिराग

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झांसी: यूपी के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में लगी आग ने हर किसी को हैरान कर दिया है। अब तक आई जानकारी के मुताबिक, शॉर्ट सर्किट से लगी आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हृदयविदारक घटना ने सरकारी तंत्र की लापरवाही और मेडिकल संस्थानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी को भी सामने ला दिया है।

मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में 10 कलियां खिलने से पहले ही मुरझा गईं। 10 परिवारों के सपने परवान चढ़ने से पहले ही धराशायी हो गए। अस्पतालों के बाहर चीखते-चिल्लाते परिजनों के आंसू हालात को बयां कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन के अधिकारी शॉर्ट सर्किट से आग लगने का दावा कर रहे हैं। कई स्थानों पर खबरें चल रही हैं कि नर्स ने माचिस जलाई थी। वहीं, सपा अध्यक्ष ऑक्सीजन सप्लाई लाइन से कंसंट्रेटर की खराबी का मुद्दा उठा रहे हैं। ऐसे में सबकुछ एक विस्तृत जांच से ही पता चलेगा।
तेजी से जांच है जरूरी
नियोनेटल वार्ड को अस्पताल के सबसे संवेदनशील क्षेत्र में माना जाता है। वहां अगर शॉर्ट सर्किट हुआ तो वायर की चेकिंग की जिम्मेदारी किसकी है? अस्पताल प्रबंधन इस मामले में अपने आपको पाक-साफ नहीं बता सकता है। सरकार को इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई करनी होगी। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं पर रोक के लिए यह जरूरी है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जब एक साथ 63 बच्चों की मौत हुई थी, उस समय सरकार ने सख्त एक्शन लिया। कुछ इसी प्रकार के एक्शन की जरूरत है।
घटना में लापरवाही साफ
झांसी मेडिकल कॉलेज की घटना में कई लेवल पर लापरवाही साफ दिख रही है। इसको लेकर जिम्मेदार व्यक्तियों और संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से लेकर एनआईसीयू प्रभारी, ड्यूटी इंचार्ज, बिजली विभाग से जुड़े अधिकारी तक पर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन नौनिहालों की मौत को गड़बड़ी के कारण हादसे के दावों के पीछे दबाया नहीं जाना चाहिए। 10 बच्चों की मौत के मामले में एनआईसीयू का निर्माण करने वाली फर्म से लेकर एजेंसी और फायर उपकरण लगाने वाली फर्म पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। बिजली सुरक्षा से जुड़ी चूक के मसले पर भी जांच टीम को गौर करना चाहिए। यह पूरे सिस्टम की विफलता को दिखाता है। इसलिए, सरकार के एक्शन पर हर किसी की नजर टिक गई है।
सीएम योगी ने लिया है एक्शन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज की घटना पर गंभीर रुख अख्तियार किया है। रात को ही उन्होंने डिप्टी सीएम सह स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को मौके पर भेजा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव भी झांसी भेजे गए। सीएम ने झांसी के मंडलायुक्त को 12 घंटे में घटना से संबंधित प्राथमिक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। माना जा रहा है कि शनिवार शाम को इस घटना पर योगी सरकार एक्शन शुरू कर सकती है।