डेस्क:दीपावली का त्योहार हमें अपने जीवन के अंधकार रूपी बुराइयों को दूर करने और अपने जीवन में प्रकाश लाने का संदेश देता है|यह त्योहार सुख समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है|
इस दिन शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है|आज खुशियों और रोशनी के पर्व दीपोत्सव की खुशियां चारों और छाई हैं। इसको लेकर घर-घर में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गुरुवार को सभी लोग अपने घरों को पुष्पों और रंग-बिरंगी विद्युत रश्मियों से सुसज्जित करेंगे और दिन में अपने प्रतिष्ठानों व शाम से अपने घरों पर दीप प्रज्वलित कर मां लक्ष्मी और भगवान गणेशजी को विराजमान कर उनकी आराधना करेंगे।आज सुबह से ही घरों और मंदिरों को पुष्प मालाओं से सुसज्जित किया जाएगा।
आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ला ने बताया कि दीपावली पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। इस वर्ष अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:12 बजे प्रारंभ हो रही है। दीपावली पर रात्रि में दीपदान किया जाता है।अमावस्या तिथि की रात्रि 31 अक्टूबर को पड़ेगी, इसलिए दीपावली पर्व मनाना शुभ होगा। अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 3:12 बजे प्रारंभ होगी और एक नवंबर को शाम 5:32 बजे संपन्न होगी। अमावस्या तिथि में एक नवंबर को सूर्यास्त शाम 5:32 बजे हो रहा है, जबकि अमावस्या तिथि सूर्यास्त से पूर्व 5:13 पर संपन्न होगी और 5:13 बजे से प्रतिपदा लग जाएगी इसलिए रात्रि में विद्यमान होने के आधार पर दीपावली पूजन 31 अक्टूबर की रात करना शुभ होगा।