फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो ) विकास खंड मोहम्मदाबाद के ग्राम अलावलपुर में संचालित वृद्धावस्था आश्रम संचालकों के लिये केबल एटीएम मशीन बना हुआ है| कागजों में हेराफेरी करके प्रतिमाह एक मोटी रकम का बंदरबाँट हो रहा है| मामले में समाज कल्याण के निदेशक से शिकायत की गयी है|
दरअसल जिला अनुश्रवण समिति के सदस्य (वरिष्ठ नागरिक एवं माता-पिता का कल्याण अधिनियम 2014) अधिवक्ता डॉ० दीपक द्विवेदी नें समाज कल्याण के निदेशक को शिकायत की है| जिसमे कहा है कि बीते लगभग 6 वर्षों से प्रेरणा ग्रामोद्योग सेवा संस्थान ग्राम रंजनाखेड़ा, पोस्ट औरास, जिला उन्नाव द्वारा वृद्धावस्था आश्रम संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में यह वृद्धावस्था आश्रम मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर अलावलपुर गांव में संचालित कर रखा है। संस्था के पास 31 अक्टूबर 2022 तक के लिए वृद्धावस्था आश्रम संचालित करने का अनुबंध था। संस्था द्वारा सरकार से भारी मात्रा में धन तो प्राप्त किया जा रहा है, परंतु वृद्धावस्था आश्रम में वृद्धों को बुनियादी सुविधाओं तक से वंचित रखा जा रहा है। यही नहीं ग्राम नारायनपुर में पूर्व में जिस भवन में वृद्धाश्रम संचालित किया जा रहा था, (वीरेन्द्र पाल सिंह नारायनपुर ) उसका तक पूरा किराया अभी तक नहीं दिया गया है। किराये के नाम पर प्रतिमाह 90 हजार लिए जाते हैं, जबकि यह रूपए सिर्फ प्रपत्रों में ही दिखा दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त वृद्धजनों की संख्या में भी संस्था द्वारा भारी हेर-फेर किया जा रहा है| जब कभी निरीक्षक आदि कोई जाता है तो पास के गांव से ही लोगों को बुलाकर वृद्धजनों की संख्या दर्शा दी जाती है। इसके अलावा वृद्धों के मनोरंजन की तो बात दूर पढ़ने के लिए अखबार तक नहीं मंगाया जाता है। जबकि प्रतिमाह 1000 रूपये मांग पत्र में इस बात के दर्शा दिए जाते हैं जेनरेटर केवल खड़ा ही रहता है, कभी चलाया ही नहीं जाता। जबकि उसके नाम पर 60 हजार प्रतिमाह सरकारी खजाने के लिए जाते हैं| मनोरंजन के नाम पर एक खराब एलईडी रखी है जबकि मनोरंजन के नाम पर 13600 व 13200 रूपये मांग पत्र में प्रति माह के दर्शाए और लिए जाते हैं यदि बिल की जांच की जाए तो आधा खर्चा फर्जी तरीके से दर्शाया जाता है। दवाईयां एक्सपायरी होती है, जब-जब मैने स्वयं औचक निरीक्षण किया है| विगत दिनों पूर्व समाज कल्याण अधिकारी व एसीएमओ की टीम के साथ भी निरीक्षण किया। तब भी एक्सपायर दवाइयां मिली। उन्होंने पत्र में कहा है कि कुल मिलाकर निदेशालय के कुछ कर्मचारियों व समाज कल्याण विभाग फर्रुखाबाद के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलकर एनजीओ न केवल सरकारी धन का दुरूपयोग कर रहा है, बल्कि वृद्धजनों को उनके अधिकारों एवं सुविधाओं से भी वंचित रख रहा है। अधिवक्ता दीपक द्विवेदी नें निर्देशक से एनजीओ के खिलाफ एफआईआर पंजीकृत कराकर तत्काल वृद्धाश्रम का संचालन किसी अन्य एनजीओ को को दिया जाये|