बीएसपी विधायक को सजा से पार्टी की साख पर बट्टा

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फर्रुखाबाद: इंजीनियर मनोज गुप्ता हत्याकांड में १० साथियों सहित बीएसपी विधायक शेखर तिवारी को उम्र कैद की सजा व उनकी पत्नी को भी सजा सुनाई गई है। अदालत के इस फैंसले से बसपा सरकार की साख को बट्टा लगा है|

पड़ोसी जिला ओरैया में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर मनोज गुप्ता की 24 दिसंबर, 2008 को पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि बहुजन समाज पार्टी के स्थानीय विधायक शेखर तिवारी ने मुख्यमंत्री व पार्टी प्रमुख मायावती के जन्मदिन के लिए चंदा न देने के लिए इंजीनियर की हत्या करवा दी थी।

इस मामले में विधायक, उनकी पत्नी और एक थाना प्रभारी सहित 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था। मामले की सुनवाई पहले औरैया अदालत में शुरू हुई थी बाद में मामला लखनऊ की विशेष अदालत को भेज दिया गया था। दो साल से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद आज फैसला सुनाया गया।

घटना की जांच के बाद पुलिस ने बसपा विधायक शेखर तिवारी, उनकी पत्नी विभा तिवारी, विनय तिवारी उर्फ त्यागी, राम बाबू उर्फ पूती योगेंद्र दोहरे उर्फ भाटिया, मनोज अवस्थी, देवेंद्र राजपूत, संतोष तिवारी गजराज सिंह, पाल सिंह एवं तत्कालीन थानाध्यक्ष दिबियापुर होशियार सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी|

अदालत के इस फैंसले से साफ़ हो गया है कि बसपा विधायक ने जबरन रुपयों की बसूली के लिए ही निर्दोष इंजीनियर की ह्त्या करवाई थी| बसपा की मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों, सांसद, विधायक व प्रमुख पदाधिकारियों पर रुपयों की अवैध बसूली का आरोप लगता रहा| अब यह स्थित काफी भयानक हो गयी है|

अभी तक पुलिस के अधिकारी थाना व चौकी प्रभारी स्तर से ही रुपयों की उगाही करते थे लेकिन अब पुलिस के अधिकारी महत्वपूर्ण विवादित मामलों में दोषी लोगों को पहले पकड़वाते हैं और मुंह माँगी रकम मिल जाने पर उन्हें छुड़वाकर कमाई का एक नया तरीका इजाद किया है| कोई भी ऐसी शिकायतों में कार्रवाई करना तो दूर सुनना तक नहीं चाहता है| यदि समय रहते पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने स्वयं अवैध बसूली बंद कर लूट-खसोट पर रोकथाम नहीं लगाई तो उन्हें आने वाले चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ेगा|