महादेवी की जन्मस्थली पर यथा स्थिति के निर्देश

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फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फिल ने महादेवी वर्मा की जन्मस्थली को लेकर जांच करायी जायेगी, तब तक मकान खरीदने वाले पंकज गुप्ता को कोई नया निर्माण न कराने के निर्देश दिये गये हैं। जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फिल ने मोहल्ला गनेश प्रसाद पहुंचकर उस मकान को देखा जहां फाल्गुनी पूर्णिमा के दिन वर्ष 1907 में महादेवी का जन्म होना बताया जाता है।

11  मार्च के अंक में जेएनआई ने धरोहर का सौदाः तीन लाख में गयी महादेवी की जन्मस्थली शीर्षक से समाचार छापा था। खबर छपने के बाद मंगलवार को डीएम रिग्जियान सैम्फिल, अपर जिलाधिकारी सुशील चन्द्र श्रीवास्तव और सिटी मजिस्ट्रेट हरीशंकर मकान का निरक्षण करने पहुंचे। श्री सैम्फिल ने बुजुर्गो को बुलाकर मकान के बारे में जानकारी की। बलवीर सिंह ने बताया कि यह मकान महादेवी वर्मा के मामा भैयालाल सक्सेना का था। भैयालाल ने यह मकान दोस्त की पत्नी सुराज देवी को रहने के लिए दिया था। सुराज देवी ने मकान की वसीयत बहन कश्मीरा देवी के नाम कर दी थी। स्वयं को सुराज देवी के रिश्तेदार बताने वाले अशोक मिश्रा ने भी मकान भैयालाल सक्सेना का होने की बात बतायी। अशोक मिश्र ने गनेश प्रसाद का मकान महादेवी वर्मा के मामा भैयालाल का होना तो स्वीकार किया पर महादेवी का जन्म मनिहारी में होना बताया। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने उनसे पूछा कि क्या मनिहारी में भी उनके मामा का कोई मकान था तो वह कुछ नहीं बता सके। जिलाधिकारी ने मकान के अंदर जाकर इसमें बने दोनों कमरे देखे। पिंकी गुप्ता के पति पंकज गुप्ता ने अधिकारियों को मकान के नये और पुराने बैनामे दिखाये। तहसीलदार मोहम्मद इस्लाम और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजकुमार गुप्ता ने भी पंकज गुप्ता से बात की और बैनामे के बारे में जानकारी प्राप्त की। अशोक ने बताया कि हिंदी पद्य की पुस्तकों में मनिहारी में ही महादेवी वर्मा का जन्म बताया गया है।

नगर मजिस्ट्रेट हरीशंकर ने बताया कि प्रशासन इस संबंध में जांच करायेगा। फिलहाल अग्रिम आदेशों तक मकान की यथा स्थिति बनाये रखने के निर्देश दे दिये गये हैं।