जोर का झटका हाय जोरों से लगा..शादी बन गई परीक्षार्थियों की सजा।

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फर्रुखाबाद: मैरिज होम में रात के 11 बजे डीजे पर गाना चल रहा था, जोर का झटका हाय जोरों से लगा..शादी बन गई उम्र कैद की सजा..इस गाने को सुनकर बारहवीं की बोर्ड परीक्षा दे रहे व देने की तैयारी शुरू कर रहे छात्र खुद ब खुद गुनगुनाने लगते है कि जोर का झटका हाय जोरों से लगा..शादी बन गई परीक्षार्थियों की सजा।

कुछ यही हाल है उन तमाम परीक्षार्थियों के जिनके घर के आसपास कोई बैंक्वेट हॉल या मैरिज होम है। उन सबकी हालत बेगानी शादी में दीवाने अब्दुल्ला जैसी है।बढपुर, आईटी आई, रेलवे रोड, ठंडी सड़क आदि कई जगह मैरिज हाल हैं| प्रशासन की उदासीनता यह है कि न्यायालय के आदेशों के बावजूद रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर पर कोई रोक नहीं है।

इन दिनों शादी का सीजन चल रहा है और साथ ही चल रही हैं सीबीएसई व आईसीएसई की बोर्ड परीक्षाएं। यूपी बोर्ड व चौधरी चरण सिंह विवि की परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाली हैं।

ऐसे में छात्रों को दिक्कत यह आ रही है कि वो अगर रात को देर तक पढ़ना चाहें तो डीजे का कानफोड़ू संगीत उन्हें पढ़ने नहीं देता। सबसे ज्यादा दिक्कत तब होती है जब अगले ही दिन पेपर होता है और रात को ठीक से सो भी नहीं पाते। परिक्षा की तैयारी में लगे छात्रों का कहना है कि परीक्षा से एक दिन पहले वो तनाव में होता है और उस समय जब तेज आवाज पर गाने बजते हैं तो उसके दिल की धड़कन बढ़ जाती है और हाथ ठंडे हो जाते हैं।

म्यूजिक क्यों है घातक

-देर रात तक डीजे के शोरगुल से नींद पूरी नहीं हो पाती

-देर रात डीजे के शोरगुल से पढ़ाई करने वाले बच्चे अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे।

-एक ओर तो अभिभावकों ने बच्चों का घर में टीवी व कम्प्यूटर बंद कर दिया तो दूसरी तरफ चंचल मन वाले बच्चों को पढ़ाई से विचलित करने के लिए डीजे का शोर कायम है।

-ज्यादा देर तक शोर में रहने से सिर दर्द, कान में झनझनाहट व चिड़चिड़ापन हो सकता है

-परीक्षा की घबराहट में शोर कई बच्चों का ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है व दिल की धड़कन भी तेज हो सकती है।