नगर पालिका चुनाव में चलते दिखेंगे आरी,कैंची,त्रिशूल व बंदूक

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फर्रुखाबाद, आगामी पंचायत आम चुनाव के दौरान आरी,कैंची,त्रिशूल व बंदूक का उपयोग खुले आम होता  दिखेगा। चौंकिये नहीं निर्वाचन आयोग ने जो 75 चुनाव चिह्न निर्धारित किये हैं उनमें यह भी सम्मिलित है।

नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष का चुनाव सभासदों के माध्यम से कराये जाने की अटकलों के चलते इस बार चुनाव में उतरने के उत्सुक लोगों की संख्या काफी है। इसके चलते इस बार मतपत्र भी काफी लंबा रहने की संभावना है। चुनाव पार्टी लाइन पर न होने की उम्मीद से भी संख्या बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुए ही राज्य निर्वाचन आयुक्त ने 75 चुनाव चिह्न बनाए हैं।

चुनाव चिह्नों की सूची जारी होने के बाद संभावित उम्मीदवारों की धड़कने भी तेज हो गई हैं। मनमाफिक चुनाव चिह्न पाने में हिंदी वर्णमाला का खास महत्व होगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने हिंदी वर्णमाला के आधार पर चिह्न आवंटन का फार्मूला जारी किया है। अनाज ओसाता किसान, आरी, ओखली, अंगूर, इमली, कप और प्लेट, कलम और दवात, कार, किताब, कुल्हाड़ी, केतली, केला, कैंची, खड़ाऊ, गमला, गले का हार, गुलाब का फूल, घड़ा, घंटी, चश्मा, चारपाई, सीलिंग पंखा, छाता, झोपड़ी, टेलीफोन, टेलीविजन, ट्रैक्टर, डमरू, ढोलक, तरकश, तराजू, ताला-चाभी, तोप, त्रिशूल, धनुष, धान का पेड़, नल, पत्तियां, पालकी, पुल, पेंसिल, फावड़ा, फुटबाल, बंदूक, बल्ला, बिजली का खंभा, बांसुरी, बेंच, बैलगाड़ी, भुट्टा, मोटर साइकिल, मोमबत्ती, रिक्शा, रोड रोलर, लट्टू, लिफाफा, वायुयान, वृक्ष, शंख, सितारा, नाव, उगता सूरज, छड़ी, सुराही, सैनिक, स्कूटर, हथौड़ा, हल व हेलीकाप्टर को चुनाव चिन्ह बनाया गया है।

ऐसे बंटेंगे चुनाव चिन्ह
यदि उम्मीदवार ने अपना नाम संक्षिप्त अक्षरों में लिखा है तो उसे वर्णानुक्रम में प्रथम होने का लाभ नहीं मिलेगा। मसलन रामकुमार ने अपना नाम आर कुमार लिखा है तो उसका वर्णानुक्रम कुमार शब्द के प्रथम अक्षर कु  के आधार पर निर्धारित होगा। उम्मीदवार कमल कुमार वर्मा ने अपना नाम क.कु शर्मा लिखा है तो क के बजाय उसका वर्णानुक्रम वर्मा के प्रथम अक्षर व से निर्धारित होगा। संक्षिप्त अक्षरों का प्रयोग करने वाले दो या दो से अधिक नामों में समानता होने पर नामों के संक्षिप्त अक्षरों का विभेद करके वर्णानुक्रम निर्धारित किया जाएगा। केके भारद्वाज व बीके भारद्वाज में केके पहले आएगा। आदर सूचक शब्द डाक्टर, वैद्य, आचार्य, पंडित, प्रोफेसर, हकीम, मेजर, कर्नल, ठाकुर, हाजी, मौलवी, महंत, कुंवर आदि को कोई लाभ नहीं मिलेगा। एक समान नाम वाले उम्मीदवारों का वर्णानुक्रम ऐसे तय होगा। रामअवतार पुत्र बाबू लाल और रामअवतार पुत्र आत्म किशोर। इसमे हिन्दी वर्णमाला के अनुसार आत्मकिशोर को पहले का लाभ मिलेगा।