फर्रंखाबाद, 26 फरवरीः जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फेल ने शुक्रवार को यहां कोषागार पहुंच कर चार्ज ग्रहण किया, और कलक्ट्रेट का नरीक्षण किया। मनमानी की शिकायतों पर उन्होंने सफाई कर्मियों के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है। मनरेगा में आधे जाब कार्डधारकों के खाते बैंक में न खुलने के विषय में भी उन्होंने चिंता व्यक्त की।
नये जिलाधिकारी रिग्जिन सैम्फेल ने शनिवार को पहले कोषागार पहुंच कर डबल लाक का निरीक्षण कर चार्ज लिया। यहां से सीधे कलक्ट्रेट पहुंच कर वह अपने कार्यालय में मीडिया कर्मियों से रूबरू हुए। वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के तौर पर यह उनका छठा जनपद है। इससे पूर्व वह जालौन, बिजनौर, प्रतापगढ़, चंदौली व बहराइच में जिलाधिकारी के तौर पर कार्ये कर चुके हैं। अपनी प्रयोगधर्मिता के लिये पहचाने जाने वाले 2003 बैच के आईएएस अधिकारी श्री सैम्फेल ने बताया कि वर्ष 2008 के सूखा के दौरान जनपद जालौन में नरेगा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और मजदूरी सीधे मजदूरों के खातों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया लागू करने के लिये उनको केंद्रीय ग्राम्य विकास मंत्रालय से उत्कृष्टता पुरस्कार मिल चुका है। जनपद में कुल 85 हजार से अधिक जाब कार्ड धारकों के सापेक्ष मात्र 54 हजार के ही खाते खुलने के तथ्य को उन्होंने गंभीरता से लेते हुए इसे दिखवाने का आसश्वासन दिया।
जनपद में ग्राम स्तरीय सफाई कर्मियों के मनमाने स्थानांतरण किये जाने के विषय में जिलाधिकारी ने वहां पर मौजूद अपर जिलाधिकारी सुशील चंद्र श्रीवास्तव को निर्देश दिये कि जिलापंचायत राज अधिकारी को बतादें कि भविष्य में किसी भी सफाईकर्मी का स्थानांतरण जिलाधिकारी के अनुमोदन के बिना न किया जाये।
मीडिया कर्मियों से वार्ता के दौरान श्री सैम्फेल ने कहा कि जनता के काम के लिये यदि आवरश्यक हुआ तो रात के तीन बजे भी वह उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि जनता के लिये वह कलक्ट्रेट में प्रतिदिन 10 से 12 बजे तक मौजूद रहकर शिकायते सुनेंगे। यदि आवश्यक हुआ तो वह रात के तीन बजे भी उपलब्ध रहेंगे।
यह तो अधिकारी के ऊपर निर्भर करता है कि वह कितना दबाव मानता है
राजनैतिक दबाव के बारे में श्री सैम्फेल ने कहा यह तो अधिकारी के ऊपर निर्भर करता है कि वह कितना दबाव मानता है। उन्होंने कहा कि वह पारदर्शतापूर्ण कार्यशैली में विश्वास करते हैं। शस्त्र लाइसेंस के विषय में उन्होंने कहा कि यह स्टेटस सिंबल नहीं आवश्यकता की चीज है। यदि पुलिस रिपोर्ट में व्यक्ति की जान को खतरे की बात की पुष्टि होती है तो विचार किया जायेगा।