लखनऊ|| लगता है लोगों का कांग्रेस पार्टी से मोहभंग हो रहा है, ना तो उन्हें अब सोनिया गांधी की आवाज सुनाई दे रही है और ना ही उन्हें राहुल की मोहिल मुस्कान समझ में आ रही है। हमेशा कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का पलक पांवड़े बिछा कर इंतजार करने वाली यूपी की जनता ने अब अपने इस युवा नेता के सामने विरोध करना शुरू कर दिया है जिससे कि अंदाजा लगाया जा सकता है कि राहुल की बातों पर अब जनता को भरोसा करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है।
छात्रों का आरोप है कि राहुल ने उनके साथ वादा खिलाफी की है उन्होंने जो कहा वो किया नहीं है, ऐसी सूरत लखनऊ, वाराणसी और झांसी की भी है, जहां विरोधी दल इस बात के पीछे कांग्रेस की खराब रणनीति को जिम्मेदार ठहरा रहे है तो वहीं कांग्रेस ये कह रही है कि ये सब विरोधी दल की साजिश है।
इन दिनों राहुल गांधी यूपी के दो दिवसीय दौरे पर थे, लेकिन इस बार वो जहां-जहां गए, वहां-वहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। सम्भवत: यह उनका पहला दौरा है जिसमें उन्हें इतने भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। जहां कांग्रेस इसे साजिश करार दे रही है तो विरोधी दल इसे उचित ठहरा रहे हैं। जो भी हो, राहुल के इस दौरे ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी से ही प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है।
दो दिवसीय दौरे पर राहुल ने राज्य के पांच बड़े शहरों का दौरा किया और वहां छात्रों से मुलाकात की, बातचीत की और फिर राजनीति में आने के लिए उन्हें प्रेरित भी किया। पहले दिन वह वाराणसी और इलाहाबाद गए तो दूसरे दिन लखनऊ, झांसी और आगरा। इस दौरान राहुल का प्रत्येक शहर में विरोध हुआ। कहीं भारतीय जनता पार्टी तो कहीं समाजवादी पार्टी की छात्र इकाई ने उनका विरोध किया। कहीं बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं का तो कहीं ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) का उन्हें विरोध झेलना पड़ा।
फिलहाल इतना तो तय है कि इस बार यूपी की युवाजनता ने गुस्से और शिकायत का रूख अपनाया है, अब देखना दिलचस्प होगा कि राहुल अपनी मधुर और कातिल मुस्कान से अपने गुस्साये भाई-बहनों को मना लेते है या फिर वो भी दूसरे राजनेताओं की तरह मामले से पल्ला झाड़ लेते हैं।