फर्जी स्मार्ट कार्ड वाले शिक्षामित्र व शिक्षक जायेंगे जेल: डीएम

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फर्रुखाबाद: तहसील दिवस के दौरान जिलाधिकारी मिनिस्ती एस शिक्षामित्र व शिक्षक के पास स्मार्ट कार्ड होने की शिकायत पर दंग रह गईं| उन्होंने दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के निर्देश दिए|

ब्लाक कमालगंज कोतवाली मोहम्दाबाद की ग्राम पंचायत कमालपुर के ग्राम कुम्हौली की वृद्ध विधवा कुतुमा ने शिकायत की कि गाँव के रामकुमार कुम्हार व कुंवरसेन आदि 13 गरीब लोगों के स्मार्ट कार्ड बनाये गए हैं| गाँव के शिक्षामित्र अश्वनी कुमार चतुर्वेदी ने रामकुमार तथा शिक्षक विवेक कुमार ने कुंवरसेन के स्थान पर अपना फोटो लगवाकर फर्जी स्मार्ट कार्ड बनवा लिया है| जबकि हम जैसी गरीब महिला का स्मार्ट कार्ड नहीं बनाया गया है|

जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी राम रमापति त्रिपाठी को निर्देश दिया कि वह जांच कर शिक्षामित्र को बर्खास्त एवं शिक्षक को सस्पेंड करें| मोहम्दाबाद के इंस्पेक्टर विजय बहादुर सिंह को निर्देश दिया कि वह दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करें| जिला विकास अधिकारी एके चन्दौल को वीडीओ के साथ जाकर मामले की जांह-पड़ताल करने के लिए भेजा|

डीएम ने पत्रकारों के समक्ष इस बात पर रोष व्यक्त किया कि सरकार ने गरीबों के इलाज के लिए स्मार्ट कार्ड बनवाये हैं| लेकिन इस योजना का धनवान लोग दुरपयोग कर गरीबों के साथ अत्याचार कर योजना का मखौल बना रहे हैं|

उन्होंने बताया कि शाम तक दोनों शिक्षकों को जेल भेजा जाएगा और सभी स्मार्ट कार्ड धारकों की जांच-पड़ताल की जायेगी| मोबाइल फोन पर सम्पर्क किये जाने पर शिक्षामित्र अश्वनी ने बताया कि वह छिबरामऊ में हैं उन्होंने आरोप लगाया कि एक सप्ताह पूर्व फोटो खिचाने के लिए प्रधान ने घर से बुलाकर मेरा फोटो खिंचवाया था| उन्होंने बताया कि कुतुमा गाँव के रामनाथ की विधवा बहन है वह बीते ६ सालों से गाँव में ही रहती हैं|

* ग्राम कटरी धर्मपुर निवासी विकलांग अनीस अहमद ने फसल नष्ट होने के बाबजूद बाढ़ राहत की चेक न मिलने की डीएम से शिकायत की|

डीएम के अलावा एसपी, सीडीओ, एसडीएम, तहसीलदार आदि अधिकारियों ने शिकायतें सुनी| कम्बल मिलने की उम्मीद में सैकड़ों गरीब महिलायें तहसील परिसर में डटी रहीं जिन्होंने चलते समय जिलाधिकारी से कम्बल दिलाने की फ़रियाद की| एसओ मऊदरवाजा कमरूल हसन के हाँथ तक जोड़े| कम्बल न मिलने पर महिलायें बुरा-भला कहते हुए वापस लौट गईं|

जिला विकास अधिकारी एके चन्दौल ने बताया कि प्रथम द्रष्टया जांच में स्मार्ट कार्ड फर्जी पाए गए| जॉब कार्ड बनाने वाली संस्था से जानकारी कर पूरी असलियत का पता चलेगा|