बिहार में महागठबंधन टूटा, रामगोपाल बोले- 5 सीटें देकर हमारा अपमान किया

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mulayam-lalu-nitish1पटना: अभी बिहार में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान भी नहीं हुआ कि महागठबंधन में दरार पड़ गई। समाजवादी पार्टी ने महागठबंधन से किनारा कर लिया और बिहार में अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल य़ादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि महागठबंधन में सीटों का बंटवारा ठीक से नहीं हो रहा था इसलिए हमने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे और जीत के दिखाएंगे।अभी बिहार में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान भी नहीं हुआ कि महागठबंधन में दरार पड़ गई।

रामगोपाल यादव ने कहा कि आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। पार्टी बिहार में अलग से चुनाव लड़ेगी, ऐसा पार्लियामेंट बैठक में निर्णय लिया गया है। पार्टी 2 सीटों पर लड़ेगी या 5, इसपर पार्टी नेतृत्व सहमत नहीं था। इसलिए पार्टी ने अपने बलबूते पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। सपा गठबंधन में थी। उनका दायित्व था कि सीटों का निर्णय करने से पहले सबसे बात करते। इससे सपा ने खुद को अपमानित महसूस किया।

पार्टी ने सम्मानजनक तरीके से अपने बल बूते पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। अन्य दलों से भी बात होगी, हालांकि अभी बात नही हुई है। पार्टी गठबंधन में थी लेकिन वहां के बड़े दलों को सीट बंटवारे के बारे में हमें नहीं बताया। सपा को सीटों के बंटवारे के बारे में टीवी पर देख कर पता चला, जिससे सपा खुद को अपमानित महसूस कर रही थी। हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे और जितनी सीटें वो लोग देने की कोशिश कर रहे हैं, उससे ज़्यादा जीतेंगे।

जनता परिवार के विलय पर रामगोपाल ने कहा कि जब मामला चला था तो मैंने शुरू में ही कहा था के तमाम तकनीकी बाते हैं जिसकी वजह से ये संभव नहीं है। मैं जानता था कि बिहार चुनाव के वक्त ये नौबत आएगी, इसलिए मैंने गठबंधन के वक्त कहा था कि मैं अपनी पार्टी के डेथ वारंट पर दस्तखत नहीं कर सकता। मुझे पता था कि ये संभव नहीं है और इससे ज़्यादा क्या कहता। रामगोपाल ने कहाकि उत्तर प्रदेश के लिए कभी भी ज़रूरत पड़ेगी तो प्रधानमंत्री से मिलेंगे, चाहे पैसे की ज़रूरत हो या कोई और।

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से मुलायम महागठबंधन से नाराज चल रहे थे। यहां तक कि महागठबंधन की स्वाभिमान रैली में भी सभी दिग्गज नेता पहुंचे थे, लेकिन मुलायम सिंह ने उस रैली से किनारा कर लिया था।

वहीं जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि ये फैसला बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुलायम सिंह गठबंधन के कमांडर थे।