नई दिल्ली: सुभाष चंद्र बोस से जुड़ीं फाइलें सार्वजनिक की जाएं या नहीं इसे लेकर मोदी सरकार ने कमेटी गठित कर दी है। इस कमेटी में आईबी, गृह मंत्रालय और पीएमओ के अफसर शामिल होंगे। कैबिनेट सचिव इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे।
वहीं नेताजी के पड़पोते चंद्रा बोस ने कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी कमेटी का गठन हो जाएगा वो भी तब जब वो विदेशी दौरे पर हैं। बता दें कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जर्मनी में नेताजी के पड़पोते ने मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद सूर्य बोस ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नेताजी से जुड़ीं फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
गृहमंत्रालय के सूत्रों से खबर है कि गृहमंत्रालय के पास सुभाष चंद्र बोस की क्लासीफाइड फाइलें नहीं हैं। नेताजी से संबंधित कुल 87 क्लासीफाइड फाइले हैं। 58 फाइले पीएमओ के पास और 29 विदेश मंत्रालय के पास है।
आईबीएन7 ने नेताजी के रिश्तेदार सूर्या बोस से बात भी की थी। सूर्या बोस ने मांग की थी कि नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक की जाएं। ऐसी ही मांग को लेकर बोस परिवार ने मंगलवार को कोलकाता में प्रदर्शन किया था। बोस परिवार का दावा है कि राज्य सरकार के पास करीब 64 गोपनीय फाइलें और केंद्र सरकार के पास सौ से ज्यादा गोपनीय फाइलें हैं।
बोस परिवार का ये भी दावा है कि कि नेताजी के परिवार के 23 सदस्य मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छह बार पत्र लिखकर राज्य सरकार के पास मौजूद गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करने का अपील कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।