फर्रुखाबाद: सोने-चाँदी के दाम पिछले कुछ वर्षो में जिस तरह आसमान छूते रहे, उसे देखकर बिल्कुल उम्मीद न थी कि ये कभी इस तरह नीचे उतरेंगे। भारत के साथ महत्वपूर्ण व्यापारिक सम्बन्ध रखने वाले अमेरिका, जापान जैसे बड़े देशों में इन धातुओं पर एक्साइ़ज शुल्क समाप्त होने से इनके दाम तीव्र गति से गिरे, जिसका प्रभाव भारत समेत सभी सम्बन्धित विकासशील देशों में स्पष्ट दिख रहा है।
सोने के दाम घटे अवश्य, परन्तु नगर के सर्राफा बा़जार में चहल-पहल बढ़ने की अपेक्षा घट गई। कारण- अभी ये दाम और भी कम होने की उम्मीद है। 3 वर्षो में सोना पहली बार 26 ह़जार रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे आया है। इतनी गिरावट और सहालग का समय निकट होने के बाव़जूद सर्राफा बा़जार में ग्राहकों का सन्नाटा मात्र इसलिये कि थोड़ा-सा धैर्य रख कर अधिकाधिक लाभ प्राप्त किया जा सके। सर्राफा व्यापारियों के मुताबिक अभी सोने के भाव 24 से 25 ह़जार प्रति 10 ग्राम और चाँदी के भाव लगभग 32 ह़जार प्रति किलो तक उतरने की सम्भावना है। उतरने की गति इतनी ते़ज है कि रो़ज ही कीमतों में भारी अन्तर देखने को मिल रहा है। सेंसेक्स बढ़ने और एक्साइ़ज ड्यूटि समाप्त होने से सोने-चाँदी की कीमतों में यह जो गिरावट आई है, उसने ग्राहकों के बा़जार की ओर बढ़ते कदम रोक लिये हैं। वैसे भी अभी शादियों के इक्का-दुक्का मुहूर्त हैं। असली सहालगें अगले साल ही शुरू होंगी।’ सर्राफा व्यापारी बाथम ज्वेलर्स का कहना है- ‘रूटीन ग्राहक तो आ रहे हैं, मगर कीमते घटने से बिक्री में एकदम से वृद्धि हुई हो, ऐसा नहीं है। असली बा़जार अगले वर्ष ही शुरू होगा, जब सहालग भी जोरो पर होंगी और कीमत भी अपने निम्नतम स्तर पर होंगी।’ इसके अतिरिक्त सोने-चाँदी के दामों में भारी गिरावट देखकर निवेशकों के पसीने छूट गये हैं- होने वाले नु़कसान की भरपाई के अभी दूर-दूर तक कोई आसार ऩजर नहीं आ रहे।
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