लखनऊ: लेखपाल संघ के संरक्षक शिवकुमार गोयल की संपत्ति का काला चिट्ठा प्रशासन ने तैयार कर लिया है। जांच में शिवकुमार, उसके बेटे और बहू के पास 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति पाई गई है। बेनामी संपत्ति इतनी है कि प्रशासन को रिकॉर्ड जुटाना मुश्किल हो रहा है। बेटे-बहू के नाम 54 स्थानों पर जमीन खरीदी गई है। लेखपाल ने 29 ऐसे लोगों के पट्टे काट दिए, जिनके नाम अस्तित्व में ही नहीं हैं। इस जमीन पर भी शिवकुमार का कब्जा है।
जिला प्रशासन ने पूर्व लेखपाल शिवकुमार और उसके परिवार की संपत्ति का डाटा एकत्र कर लिया है। एडीएम एफ रामकिशन शर्मा ने बताया कि छानबीन में गोयल पर 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति पाई गई है। शिवकुमार ने अपने पुत्र राहुल गोयल, पुत्रवधू रेणू गोयल और अन्य रिश्तेदारों के नाम जमीनें खरीद डालीं।
2001 से अब तक 54 स्थानों पर जमीन खरीदी गई है। खेती की जमीन के साथ शहर से सटे स्थानों पर प्लॉट भी खरीदे गए हैं। शुक्रताल में मंगल, कंवरसेन, राकेश, सियाराम, विष्णुदत्त, बबीता, शरद से जमीनें खरीदीं। मंडावर बिजनौर के भगवाना, राजपाल, पप्पू आदि से जमीन खरीदना दिखाया गया है।
हाजीपुर के श्यामू, नौना के ताराचंद, सालारपुर के ओमवीर, हाजीपुर के सुखदेव, प्यारे सिंह, भोकरहेड़ी की मिथलेश, योगेश, मजलिसपुर के बुद्धराम, तुलाराम, पाल्ला, पातू, शकुंतला, मेघराज, ओमवती, वीरसिंह, सतबीर, कलीराम, दयाराम और फिरोजपुर के राजेश, गोरधनपुर की पुष्पा, रामराज की हरप्रीत, गुरपाल, सुरेंद्र कौर, फिरोजपुर बांगर के अमर सिंह, चित्तौड़ा के इलियास, शेरनगर के मामचंद, भगवत से जमीन खरीदी गई। जो जमीनें खरीदी गईं उसका रकबा 20.775 हेक्टेयर है। कानूनन एक नाम पर पांच हेक्टेयर से ज्यादा जमीन नहीं खरीदी जा सकती है।
शिवकुमार गोयल और उसके परिवार के नाम शहर में कई स्थानों पर प्लॉट हैं। बीबीपुर में 966.66 वर्ग मीटर जमीन उसने 2011 में खरीदी। अंकित विहार में 10.83 वर्गमीटर जमीन शिवकुमार के नाम है। सालारपुर और अंकित विहार की चार अलग-अलग जमीनें की शिवकुमार बिक्री कर चुके हैं।
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