4 बार चिट्ठी लिखने के बाद DM को जबाब नहीं दिया, SDM सहित 19 अफसरों का वेतन रुका

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dm nks chauhaanफर्रुखाबाद: सरकारी सेवाओ के प्रति लोक सेवको की जिम्मेदारी का आलम ये है कि उच्च अधिकारियो की चिट्ठिओ का जबाब तक अधिकारी नहीं देते| प्रशासनिक व्यवस्था में सत्ताधारी नेताओ की दम पर कुर्सियां पाने और बचाने की जो परंपरा अब उत्तर प्रदेश में चल पड़ी है इससे प्रदेश में हालात निकट भविष्य में सुधरने के तो कोई संकेत नहीं दिखाई पड़ते है| हालात ये है कि लोहिया समग्र ग्राम योजना के तहत चयनित ग्रामो के निरीक्षण के समय पायी गयी खामियों और सूचनाओ के संकलन का जबाब देने के लिए संबंधित ग्रामो के नोडल अधिकारियो को चार चार बार अनुस्मारक जिलाधिकारी द्वारा लिखा जा चुका है इसके बाबजूद जबाब नहीं मिला| अन्तोगत्वा जिलाधिकारी एन के एस चौहान ने एसडीएम सदर, एसडीएम कायमगंज, बीएसए, पीडी, जिला समाज कल्याण अधिकारी सहित 19 नोडल अफसरों का अग्रिम आदेशो तक वेतन आहरित करने पर रोक लगा दी है|

जिन अन्य अधिकारियो का वेतन रोका गया है वे है जिला पूर्ति अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विकलांग अधिकारी, डीसी मनरेगा, खंड विकास अधिकारी बढ़पुर, खंड विकास अधिकारी कायमगंज, परियोजना अधिकारी नेडा, अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड, अधिशासी अभियंता जल निगम, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग,, अधिशासी अभियंता आर ई एस, अधिशासी अभियंता नलकूप, अधिशासी अभियंता आर ई डी, अधिशासी अभियंता विद्युत ग्रामीण, खंड विकास अधिकारी मोहम्दाबाद|

इन अधिकारियो को प्रथम परिपालन आख्याये देने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा 10.07.2014 को पत्र लिखा गया था| बड़ा सवाल ये है कि दो महीने में 4 बार अनुस्मारक लिखे जाने के बाद भी जिलाधिकारी को जबाब नहीं दिया| भला आम आदमी के काम ये अफसर कैसे करते होंगे?