श्रीरामचरितमानस का वैज्ञानिक महत्व बताएगा कोर्स

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ramcharitmanas2_2014912_125748_12_09_2014भोपाल: कंप्यूटर, स्वास्थ्य और अन्य विषयों की तरह अब श्रीराम चरित मानस में भी डिप्लोमा होगा। यह डिप्लोमा पाठ्यक्रम भोज मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से शुरू किया जा रहा है। पाठ्यक्रम इसी सत्र से शुरू होगा। इसका उद्देश्य कथा-प्रवचन और पूजा-पाठ करने वालों को वैज्ञानिक पद्घति का ज्ञान कराना है।

पाठ्यक्रम के माध्यम से श्लोक, दोहा, चौपाई आदि के वैज्ञानिक अर्थों को समझाया जाएगा, जिससे समाज का हर तबका श्रीराम चरित मानस का वैज्ञानिक अर्थ भी समझ सकेगा और धार्मिक ग्रंथों को सिर्फ धार्मिक दृष्टि से नहीं देखा जाएगा। पाठ्यक्रम से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

अब तक पूजा-पाठ और कथा-प्रवचन को सिर्फ धार्मिक और आस्था से जोड़कर देखा जाता है। कथा वाचन और पूजा-पाठ करने वाले विद्घानों को भी श्लोक, दोहा, छंद, चौपाई आदि का वैज्ञानिक अर्थ नहीं मालूम। इससे धार्मिक आयोजनों में सिर्फ धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों की ही दिलचस्पी रहती है।

जब किसी प्रकार के धार्मिक आयोजनों में पूजा-पाठ, कथा आदि का वैज्ञानिक मतलब समझाया जाएगा और इसे समाज से जोड़कर देखा जाएगा, तो इससे युवा भी जुड़ेंगे। भोज विवि जल्द ही इस पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय समन्वय समिति में ले जाएगा, जहां से अनुमोदित होने के बाद पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। विवि ने डिप्लोमा पाठ्यक्रम का सिलेबस तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पाठ्यक्रम का सिलेबस गंगा बचाओ आंदोलन से जुड़े विद्घानों और अन्य विद्घानों से तैयार करवाया जा रहा है।

ऐसा होगा पाठ्यक्रम
रामचरित मानस पर डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक वर्षीय होगा। इस पाठ्यक्रम में बारहवीं पास विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। किसी भी आयु और किसी भी वर्ग के विद्यार्थी इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकेंगे।

रोजगार के भी अवसर
रामचरित मानस में पाठ्यक्रम होने से पूजा-पाठ, कथा आदि का ज्ञान रखने वालों को फायदा होगा। इस पाठ्यक्रम को मिलिट्री सहित अन्य सरकारी नौकरियों में भी प्राथमिकता मिलेगी। इसके अलावा पूजा-पाठ करने वाले विद्घानों को भी इसका वैज्ञानिक अर्थ पता रहेगा, जिससे वे प्रभावी ढंग से पूजा-पाठ और कथा-वाचन कर सकेंगे। इस पाठ्यक्रम कोई भी कर सकता है।

ये पाठ्यक्रम भी होंगे शुरू
भोज विवि जननी सुरक्षा, पोषण आहार, कंप्यूटर, महिला बाल विकास के अलावा अन्य रोजगारन्मुखी पाठ्यक्रम भी शुरू करेगा। इन पाठ्यक्रमों का सिलेबस तैयार करने की प्रक्रिया विवि ने शुरू कर दी है।