फर्रुखाबाद: आप के फतेहगढ़ नगर संयोजक परमानन्द वर्मा के मकान को मजिस्ट्रेट के आदेश पर खाली कराने गयी पुलिस सार्वजनिक तौर पर हाईप्रोफाईल ड्रामा किया| पहले मकान के बाहर बनी दुकान को सील किया और घर वालो को सामान सहित बाहर निकलने का प्रयास किया| लेकिन कुछ देर बाद दूकान की सील भी खोल दी और मुस्कराकर बापस लौट गयी|
आम आदमी पार्टी के नगर संयोजक परमानन्द वर्मा उर्फ़ गुरु फतेहगढ़ सब्जी मंडी वाली गली मोहल्ला संगत में रह रहे है| उस मकान को लेकर कई बार विवाद हो चूका है| गुरुवार को सिविल लाइन निवासी रामपाल सिंह पुलिस फ़ोर्स के साथ पंहुच गये| उन्होंने कहा की उन्होंने इस मकान का वैनामा 21 अक्टूबर 2013 को 6 लाख रुपये में कराया है| मकान उसकी पत्नी सुभद्रा सिंह के नाम है| उसकी पत्नी सुभद्रा तीसरे दिन मकान को खोल कर सफाई करती थी| पांच जनवरी 2014 को आप पार्टी के कार्यकर्ता के के वर्मा ने अपना दफ्तर खोल लिया| जिसकी शिकायत करने पर पुलिस ने मकान पर सुभद्रा सिंह का कब्जा दिला दिया| कुछ समय के बाद आप के परमानन्द वर्मा ने मकान पर ताला तोड़कर कब्जा कर लिया|
नगर मजिस्ट्रेट श्रीनिवास तिवारी ने प्रभारी निरीक्षक कोतवली फतेहगढ़ को 146 धारा के अंतर्गत कुर्क करने के आदेश दिये| इसके बाद मकान को अपनी सुपुर्दगी में लेने की आदेश भी किये| जिसकी सुचना 30 अगस्त को नगर मजिस्ट्रेट न्यायालय में देने की बात कही| आदेश मिलने के बाद कोतवाल फतेहगढ़ राजेश्वर सिंह, एसएस आई मिर्जा सदरे आलम वेग के साथ फ़ोर्स लेकर मकान को खाली कराने पंहुच गये| पहले पुलिस ने मकान के बाहर बनी दुकान जिसमे परमानन्द वर्मा सर्राफ का काम करते थे को सील कर दिया और बाद में घर में रह रहे महिलाओ व बच्चो को बाहर निकलने की बात कही| पुलिस ने उन्हें आदेश पढ़कर सुनाया| लेकिन वह निकलने को तैयार नही हुए| तो पुलिस जबरन घर में घुस गयी और सामान बाहर निकालने लगी| जिस पर स्थानीय दुकानदार आक्रोशित हो गये और कहा की महिला पुलिस के बिना आप की पुलिस अन्दर कैसे घुसी|इस बात पर कोतवाल व दुकानदारो के बीच तीखी झडप हो गयी|
इस बीच अचानक कोतवाल ने नगर मजिस्ट्रेट श्री निवास से बात की और स्थित अबगत कराया| जिस पर नगर मजिस्ट्रेट ने कहा उन्होंने किसी प्रकार का आदेश नही किया है| ममाले को न्यायलय में भेजिए| जिसके बाद पुलिस बैक फुट पर आ गयी | उसने दोवारा दूकान की सील खोलने की कोशिश की तो राम पाल सिंह के पुत्र ने पुलिस को अदालत में देख लेने की धमकी दी जिस पर पुलिस के पैर उखड़ गये और उन्होंने खुद सील ना खोल कर परमानद वर्मा के बच्चों से दुकान के तालो में लगी सील खुलबा दी और बापस लौट गयी|
20 हजार लिए फिर भी कब्ज़ा नही दिला पायी पुलिस …………
मकान पर कब्ज़ा लेने आये रामपाल सिंह ने आरोप लगाया की नगर मजिस्ट्रेट का आदेश होने के बाद भी पुलिस ने उससे 20 हजार रुपये लिए इसके बाद भी वह कब्ज़ा नही दिला सकी|