बजट से 7 दिन पहले क्यों हो जाते हैं नजरबंद?

Uncategorized

rupee_inr_dollarनई दिल्ली: देश के साल 2014-15 के आम बजट की प्रिंटिंग की प्रक्रिया आज हलवा परोसे जाने के साथ शुरू हो गई। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वित्त राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हलवा समारोह का नॉर्थ ब्लॉक में आयोजन किया गया। इसके साथ ही बजट की छपाई प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
यह परंपरा सालों से चली आ रही है। एक बड़ी कड़ाही में हलवा बनाया जाता है और वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को परोसा जाता है। इसके साथ ही बजट की तैयारियों में लगे अधिकारी और कर्मचारियों को अपने परिवार तक से अलग होकर नॉर्थ ब्लॉक के तहखाने में स्थित प्रेस में रहना होता है।
बजट पेश किए जाने से सात दिन पहले वित्त मंत्रालय के बजट से जुड़े अधिकारी विशेषज्ञ प्रिंटिंग का काम करने वाले और स्टोनोग्राफर पूरी दुनिया से अलग होकर नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय के भूतल में स्थित कक्ष में रहकर बजट को अंतिम रूप देते हैं। इस दौरान इन लोगों पर नजर रखने के लिए खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों का दल वहां लोगों की आवाजाही पर नजर रखता है। वहां काम करने वाले ऑपरेटरों के कंप्यूटरों को नेशनल इंर्फोमेटिक सेंटर एनआईसी के सर्वर से अलग कर दिया जाता है।
मोबाइल फोन के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाता है और इसके लिए नॉर्थ ब्लॉक में शक्तिशाली मोबाइल फोन जैमर लगाया जाता है। इस दौरान कभी-कभार खुफिया ब्यूरो के प्रमुख वित्त मंत्रालय के भूतल स्थित प्रिटिंग प्रेस का औचक निरीक्षण करते हैं। बजट की तैयारियों में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों के परिजन आपात स्थिति में एक टेलीफोन नंबर पर अपना संदेश सिर्फ छोड़ सकते हैं। कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की अनुमति होती है।
बजट की तैयारियां सितंबर महीने में शुरू हो जाती है। इसके लिए सभी विभागों और मंत्रालयों से धनराशि की जरूरतों और योजनाओं के बारे में जानकारी मांगी जाती है। इसके बाद नवंबर में वित्त मंत्री विभिन्न पक्षों विशेषकर कृषि उद्योगों संगठनों, श्रमिक संगठनों के साथ ही उद्योगपतियों के साथ बजट पूर्व चर्चा करते हैं।
लेकिन आम चुनाव की वजह से इस साल यह चर्चा मई और जून महीने में हुई है। पहले बजट की प्रिंटिंग राष्ट्रपति भवन में होती थी, लेकिन साल 1950 में बजट लीक हो गया जिसके बाद प्रिंटिग के काम को मिन्टो रोड स्थित सरकारी प्रेस में भेज दिया गया। साल 1980 से यह काम वित्त मंत्रालय के भूतल स्थित प्रेस में किया जाता है।