फर्रुखाबाद: वैसे कहानी कोई खास नई नहीं है| विरोधी से बदला लेने के लिए गैंगरेप जैसे घिनौने आरोप के लिए महिलाये 5000 से 10000 रुपये में पहले भी उपलब्ध होती रही है| कचहरी में ऐसे केस के लिए कुछ खास दलाल भी उपलब्ध रहते है| फ़्लैश बैक में जाए तो एक प्रतिष्ठित पत्रकार से लेकर एक एसडीएम तक इसके शिकार हो चुके है| हालाँकि जाँच में मामला बरी हो चुका है| और ये आरोप लगवाने वाले विधायक से लेकर लेखपाल तक होते थे| बीच का काम वकीलों का| मगर अब घिनौने आरोप लगाने का काम आम जनमानस में फ़ैल चुका है| आखिर समाज के आदर्श विधायक और बड़े नेता जैसा चरित्र प्रस्तुत करेंगे जनता उसका अनुसरण तो करेगी ही| किसी के भी चरित्र हनन करने की साजिश कभी हो सकती है| बाजार में सब कुछ मौजूद है|
ताजा मामला थाना मऊ दरवाजा क्षेत्र में एक महिला द्वारा प्रधानाचार्य पर गैंग रैप करने और नौकरी लगवाने के नाम पर 2 लाख रुपये लूट लेने का आरोप लगाया गया था| महिलाओ पर अपराध के मामले ने टूल पकड़ा तो डीएम और एसपी दोनों खुद महिला का परीक्षण कराने के लिए लोहिया अस्पताल तक गए| मगर जब जाँच हुई तो पूरा मामला एक दूसरे को फ़साने और बदला लेने के लिए चरित्र हनन का निकला| फिलहाल झूठे आरोप का मामला अब उल्टा पड़ गया है| अगर पुलिस ने सही कार्यवाही कर दी तो आरोप लगाने वाली महिला और उसके सहयोगी प्रेमी दोनों जेल की सलाखों के पीछे हो सकते है| प्रभाशंकर चतुर्वेदी ने अपनी पत्नी शशि से बदला लेने के लिए रेखा का सहारा लिया| पुलिस की स्टोरी के मुताबिक रेखा ने 5000 रुपये लेकर रैप का मामला दर्ज करा दिया| प्रभाशंकर की पत्नी शशि ने प्रभाशंकर पर दहेज़ उत्पीड़न का मुकदमा लिखा रखा है और प्रभाशंकर आजकल रेखा के साथ रहता है| कुल मिलाकर पुलिस ने तो तफ्सीस की है वो इस प्रकार है-
थाना मउदरवाजा पर पंजीकृत मु.अ.स. 198/14 धारा 376डी,323,506,406 भादवि अब तक की गयी विवेचना के मध्य से असत्य प्रतीत होता है , विवेचना के मध्य निम्नलिखित तथ्य प्रकाश में आये है
1. घटनास्थल के निरीक्षण एवं पीडिता की मकान मालकिन से पूछताछ किये जाने पर पीडिता का अपने किराये के मकान में ना रूकना जब कि एफआईआर में पीडीता नें उक्त मकान से प्रतिवादी गणो के साथ जाना बताया
2. पीडिता से यह पूछने पर कि वह रात्रि में कहाॅ रही थाी तो उसने जितेन्द्र सक्सेना निवासी 4/28 कॅूचा भवानीदास थाना को0फर्रुखाबाद के यहाॅ रहना बताया परन्तु उसके वहाॅ रहने एवं किराये पर मकान लेने की बात झूठी पायी गयी। जितेन्द्र द्वारा पीडिता से सोनू चतुर्वेदी के द्वारा उससे परिचय होना बताया गया।
3. शिल्पी के साथ पढने व नामजद अभियुक्तों की पहचान शिल्पी के पिता, चाचा व फुफा द्वारा होना व इनके द्वारा ही 2 लाख रुपये नौकरी हेतु देने की कहानी अध्यापिका मंजू सक्सेना निवासी मछली बाजार से शिल्पी व अपने को पढाया जाना बताया गया था परन्तु मंजू ने इसे अस्वीकार किया।
4. इस प्रकार उसके बयानों की पुष्टि न देखकर कडाई से पूछताछ करने पर पीडिता ने सच्चाई कबूल दी कि पूरी योजना शिल्पी के पति प्रभाकान्त चतुर्वेदी द्वारा बनायी गयी थी। 2 वर्ष पूर्व रेखा व प्रभाकान्त का एलआईसी एजेण्ट के रुप में परिचय हुआ तभी से उसके साथ वह गिरीश चन्द्र मिश्रा निवासी राजीव गाॅधी नगर कालोनी थाना को० फर्रुखाबाद के यहाॅ 1200 के किराये के मकान में पिछले 03 माह से बतौर पति-पत्नी रहते थे। प्रभाकान्त पूरा खर्चा उठाते है तथा रात्रि में रुकते है। शिल्पी ने प्रभाकान्त के विरुद्ध 2 अभियोग दहेज उत्पीडन तथा बलात्कार के थाना कम्पिल में पंजीकृत करा रखे है इसीलिये 50000 रुपये देने के आश्वासन पर उनकी योजना पर उसने पूरी कहानी बनाकर मुकदमा लिखाया। छाती व हाथ पर आयी चोटों के निशान को स्वयं पेन एवं सिक्के से बनाना बताया गया।
दूसरी तरफ हिन्दू महासभा ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है कि प्रभाशंकर के घर से हिन्दू महासभा के मिले विजिटिंग कार्ड फजी है| उसका हिन्दू महासभा से कोई लेना देना नहीं है|