फर्रुखाबाद: कॉलेजों को अब बोर्ड परीक्षा फॉर्म भरते समय दस रुपये के स्टांप पर दिए जाने वाले शपथ पत्र की छूट सरकार ने दे दी है। अब न विद्यार्थी शपथ पत्र देगा और न ही कॉलेज को इस बात का शपथ पत्र देना होगा कि उनके यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने किसी अन्य कॉलेज में प्रवेश नहीं लिए हैं। छात्रवृत्ति के लिए जो आवेदन जमा किए जाएंगे उन पर भी कॉलेजों को शपथ नहीं देना होगा।
गैर जनपद से प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को दस रुपये के स्टांप पर नोटरी कराकर इस बात का शपथ पत्र देना होता था कि वे अन्य किसी जगह पर अध्ययनरत नहीं हैं। एडमीशन समाप्त होने के बाद कॉलेज को सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद के नाम शपथ पत्र दाखिल करना होता था। जो भी प्रवेश किए गए हैं वह मानक के अनुरूप हैं। छात्रवृत्ति के आवेदनों के साथ भी कॉलेज को शपथ पत्र इस बात का देना होता था कि कॉलेज के इन छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया है ये सही हैं।
खजाने को लाखों का नुकसान
शपथ पत्र से निजात दिलाने के शासनादेश से कॉलेजों और विद्यार्थियों को तो राहत मिलेगी। लेकिन सरकार के खजाने में लाखों रुपये का नुकसान होना तय है। एक वर्ष में जिले के दस हजार से अधिक विद्यार्थी शपथ पत्र दाखिल करते हैं। जबकि एक हजार शपथ पत्र कॉलेजों द्वारा बनवाए जाते हैं।
‘शपथ पत्र नहीं लगाने के निर्देश के बाद विद्यार्थियों का पैसा और समय दोनों बचेंगे साथ ही कॉलेजों को भी राहत मिलेगी। यह शासनादेश नवीन शिक्षा सत्र में लागू हो जाएगा।’ [bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]