फर्रुखाबादः जेएनआई की खबर का संज्ञान लेकर एसडीएम प्रहलाद सिंह ने कायमगंज तहसील क्षेत्र के गांव भकुसा में तीन दिन से अंतिम संस्कार को तरह रही महिला की लाश का अंतिम संस्कार बीते दिन ही करवा दिया। बीते दिन खबर प्रकाशित होने के चंद घंटे बाद एसडीएम लाव लश्कर के साथ गांव पहुंचे और मृतका के परिजनों को समझाबुझा कर अंत्येष्टि करवाई।
ज्ञात हो कि तहसील कायमगंज के गांव भकुसा में एक वृद्धा की लाश पिछले तीन दिन से अंतिम संस्कार को तरस रही थी। उसके पति परशुराम राजपूत की मौत पहले ही हो चुकी है। मृतका के तीन पुत्र और एक पुत्री है। सबसे छोटा विकलांग पुत्र दिनेश और उसकी बहन अपनी माँ का अंतिम संस्कार करना चाहते थे मगर उनसे बड़े दोनों भाई महेश और रमेश राजपूत इस जिद पर अड़े थे कि जब तक उनकी बीबियाँ नहीं आ जाती हैं तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा।
[bannergarden id=”8″]
ज्यादा हुज्जत होने पर दोनों भाइयों ने छोटे भाई से कह दिया कि बाप तुम्हारे हिस्से में थे तुम उनका अंतिम संस्कार कर चुके हो और माँ अब हमारे हिस्से की हंै इनका अंतिम संस्कार हमारी मर्जी से होगा। मगर वृद्धा के अंतिम संस्कार में एक और पंेच फंस गया था जिसका समाधान आसान नहीं था। दरअसल बड़े पुत्र 35 वर्षीय महेश और 30 वर्षीय रमेश की 7 साल पहले कासगंज के पास दलवाली गांव से दो सगी बहनों से एक ही दिन विवाह हुआ था। शादी के तीन साल बाद दोनों की पत्निया दोनों को छोड़ कर वापस मायके चली गई थी।
[bannergarden id=”11″]
दोनों महिलाओं के कोई बच्चा भी नहीं पैदा हुआ। पत्नियों को वापस लाने की दोनों भाइयों ने बहुत कोशिश की मगर वे नहीं लौटी। इसी बीच बड़ी बहन की मौत हो गयी और छोटी ने किसी और के साथ घर बसा लिया। छोटा विकलांग भाई दिनेश और उसकी बहन दोनों लाश के पास बैठे उसके अंतिम संस्कार की बाट जोहते रहे। ग्रामीणों ने भी काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन सब कुछ विफल रहा।
उधर, लाश बदबू भी देने लगी थी। बदबू से ग्रामीणों का बुरा हाल था। जेएनआई ने इस खबर को प्रमुखता से अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया। खबर का संज्ञान लेकर तीन दिन से अंतिम संस्कार को तरस रही महिला के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया।