जमालुद्दीन सिद्दीकी के लिए तो मुन्नू बाबू ने यह तक कह दिया कि वे चुनौती देते है कि वे सपा प्रत्याशी को अपनी विधानसभा से अपनी बिरादरी के 10 वोट भी नहीं दिलवा सकते| सपा नेताओ का जमीर कैसा है जो अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी को हराते है| अपने ही नेता की पोजीशन कमजोर करते है| मुन्नू बाबू ने कहा कि उन्होंने कभी भी एक जात की राजनीती नहीं की| वे तो हमेशा ही सर्व समाज की राजनीति करते रहे है| उन्होंने इतिहास बताते हुए कहा कि जब वे पहली बार ब्लाक प्रमुख बने थे तब बाबू राजेंद्र सिंह यादव की राजनीति में तूती बोलती थी| और वे उस समय ब्लाक प्रमुख बने थे| हालात तब ये थे कि कुल वोटो में 22 यादव सदस्य थे और उन्हें 16 वोट मिले थे| यानि कि तब भी चुनाव केवल ठाकुर वोटो पर नहीं लड़े थे उन्हें यादवो का भी प्यार मिला था|
उन्होंने सपा नेताओ को आड़े हाथो लेते हुए जेएनआई से कहा कि ऐसे नेता किसी के सगे नहीं होते| और इस प्रकार की राजनीति बहुत दिनों तक नहीं चलती|[bannergarden id=”17″]