फर्रुखाबाद: समाजवाद बबुआ धीरे धीरे आई पंक्तिया अपना मूल अर्थ धीरे धीरे खो देगी या फिर कमजोर और मजबूर वर्ग की ताकत इसे लाने में कामयाब हो पायेगी| कवि कि ये पंक्तिया कि “पूर्व से आई, ये पश्चिम से आई, महलन से आई, ये झुपडियन से आई, समाजवाद बबुआ धीरे धीरे आई” मुलायम सिंह की मेहनत के समाजवाद की थी| पिछले चुनाव में तो समाजवाद फर्रुखाबाद में जमकर आया मगर महसूस नहीं हुआ था| लगता है इस बार महसूस भी होगा क्योंकि इस बार समाजवाद नए रूप में बबुआ “पश्चिम” से आई|
अजीत कठेरिया की जीत के बाद भी कायमगंज में समाजवाद ठीक से नहीं दिखायी पड़ रहा था| अब दिखायी पड़ने लगा है| शनिवार को एक नया समाजवाद कायमगंज में दिखायी पड़ा| कुर्मी समाज के एक व्यापारी नीरज गंगवार ने समाजवादी नेता कल्लू यादव के ट्रक ड्राईवर से झगड़ा कर रहे दो अज्ञात लोगो को बीच बचाव से अलग क्या कर दिया मानो भूचाल आ गया| ये भूचाल भी समाजवादी था| पीड़ित व्यापारी नीरज गंगवार के मुताबिक कल्लू यादव के पुत्र और उनके दबंग समर्थको ने उन दो अज्ञात को धुना और खुद कल्लू यादव ने ट्रांसपोर्ट चौराहे स्थित उनके मेडिकल स्टोर पर आकर हजारो गालियां दी और कोतवाल को बुलाकर उन्हें पीटते हुए कायमगंज कोतवाली ले जाया गया|
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ये नेताओ और पुलिस का मिलाजुला समाजवाद है जिसका और बेहतर नमूना आने वाले समय में और देखने को मिल सकता है| नीरज गंगवार पुत्र ग्रीश चन्द्र गंगवार ने बताया कि उनका कसूर सिर्फ इतना था कि वे झगडे में बीच बचाव कर मेडिकल स्टोर पर चले आये| परत्यशदर्शी बताते है कि उनके मेडिकल स्टोर पर न सिर्फ नीरज को गालियां दी गयी बल्कि सत्ता के मद में मदहोश नेता ने बसपा के कुलदीप गंगवार और भाजपा की मिथलेश अगरवाल को भी नहीं बक्शा| ये नया समाजवाद है धीरे धीरे अलीगंज से कायमगंज में प्रवेश करते हुए फर्रुखाबाद की ओर बढ़ रहा है| इसमें किसी भी पार्टी और उसके समर्थको के साथ भेदभाव होने की उम्मीद नहीं है|
नीरज आगे बताते है कि जब वे कोतवाली में बैठे थे तब उन पर लगाने के लिए तमंचा भी आया| 5 लाख की लूट की बात भी हुई| इसी बीच उनके एक साले जो समाजवादी पार्टी के समर्थक है उन तक खबर पहुच गयी और वे भी कोतवाली आ गए| इसके बाद उनके ऊपर समाजवादी शिकंजा कुछ हल्का हुआ|
जारी…