ओपिनियम पोल अगामी लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा का जलवा दिखने की वकालत कर रहे हैं और इनसे उत्साहित भाजपा राज्य में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने की तैयारी में है।
भाजपा 14 फरवरी के आसपास पूर्वांचल, बरेली, लखनऊ और वाराणसी बेल्ट की 38 सीटों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची का ऐलान कर सकती है। जाहिर है, विरोधी राजनीतिक दलों को भी इस दिन का इंतजार होगा।
भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के तहत पार्टी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश की बलिया और सलेमपुर जैसी सी ग्रेड सीटों के लिए खास तौर से लड़ने का फैसला किया है, जहां पार्टी आजादी के बाद से आज तक नहीं जीत पाई है।
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भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अमित शाह के 7 फरवरी को दिल्ली लौटने के बाद उम्मीदवारों की पहली सूची के लिए तैयारियां शुरू होंगी। वह लखनऊ-शाहजहांपुर, बरेली-आमला, फतेहपुर सीकरी-आगरा और मेरठ-अलीगढ़-ऐटा बेल्ट पर जमीनी हकीकत जानेंगे।
अमित शाह पिछले सप्ताह पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर थे और उन्होंने गोरखपुर, बलिया, सलेमपुर, गाजीपुर और चंदौसी जैसे इलाकों में चुनावी संबंधित संभावनाएं खंगालने का काम किया।
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भाजपा के एक नेता ने कहा, “चुनाव प्रचार के उद्देश्य से शाह ने उत्तर प्रदेश को 14 हिस्सों में बांटा है। चार इलाकों के उम्मीदवारों की सूची का ऐलान 14 फरवरी के करीब किया जाएगा और इसमें फोकस जीतने की क्षमता पर रहेगा।”
राजनाथ खुद देख रहे हैं तैयारियां
बिहार की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के हिस्सों में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के लिए समर्थन वाले चुनावी सर्वे सामने आए हैं। राजनाथ सिंह और अमित शाह ने गाजीपुर, चंदौसी और देवरिया जैसी सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है।
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हालांकि, यह ऐसे लोकसभा क्षेत्र है, जिन्होंने भाजपा का कोई खास साथ नहीं दिया है। देवरिया से भाजपा के उम्मीदवार को केवल एक बार जीत मिली है, जबकि गाजीपुर से उसे दो बार मौका मिला है।
राजनाथ-शाह की जोड़ी उत्तर प्रदेश पर फोकस कर रही है, क्योंकि यहां से आने वाले वोट मोदी के पीएम पद तक पहुंचने में मददगार साबित हो सकते हैं। भाजपा जानती है कि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें आगामी चुनावों में क्या अहमियत रखती है।