अदालत में आसाराम की जमानत पर बहस के लिए कमर कसकर पहुंचे वकील राम जेठमलानी चाहते थे कि मामले पर आज ही बहस हो और आसाराम को बेल मिल जाए. लेकिन सरकारी वकील ने बहस टालने और दूसरी तारीख दिए जाने की बात कही, जिसे कोर्ट ने मान लिया.जेठमलानी के बार-बार कहने पर कोर्ट ने कहा कि इतनी जल्दी क्या है? अभी कुछ दिन पहले ही तो आसाराम की जमानत याचिका खारिज हुई थी. अभी कोर्ट में और भी मामलों की सुनवाई होनी है, इसलिए जल्दबाजी न करें.
आसाराम को लकवा हो सकता है!
जोधपुर जिला सेशन कोर्ट में दिए प्रार्थना-पत्र पर दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है. अदालत ने फैसला बुधवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है. आसाराम की तरफ से दिए गए प्रार्थना-पत्र में कहा गया था कि जेल में उन्हें ठंड लगने से लकवा हो सकता है और उनकी जान को खतरे को ध्यान में रखते हुए अलग से गार्ड दिया जाए.
‘आसाराम अदालत का समय बर्बाद कर रहा है’
सरकारी वकील ने धारा 211 के तहत एक अर्जी दी है. इसमें कहा गया है कि आसाराम के वकील की तरफ से अदालत का समय बर्बाद किया जा रहा है. पीड़िता के वकील ने कहा है कि इस मामले में बहस बंद करके सीधा चार्ज सुना दिया जाना चाहिए. इस पर कोर्ट में बुधवार को सुनवाई होगी.
14 धाराओं के लपेटे में बुरे फंसे आसाराम
यौन शोषण के इल्जाम में गिरफ्तार आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 14 धाराओं में कुछ ऐसा लपेटा है कि अब आसाराम के लिए खुली हवा में सांस लेना मुश्किल नजर आ रहा है. बलात्कार से लेकर बाल यौन उत्पीड़न और यहां तक कि बाल तस्करी की संगीन धाराओं में घिरे आसाराम के तमाम जुर्मों के बही-खाते का हिसाब-किताब इसी मुकदमे से होगा.
सोशल मीडिया पर आसाराम के समर्थकों ने लगाया जोर
गौरतलब है कि जेल में बंद आसाराम के समर्थक उन्हें जमानत दिलाने के लिए सोशल मीडिया में रविवार से काफी सक्रिय हो गए थे. रविवार से ट्विटर पर #BailOn7thJan और #Bapuji हैशटैग टॉप 10 ट्रेंड में बना हुआ है. दरअसल, समर्थकों की मांग है कि आसाराम को न्याय मिले और उन्हें 7 जनवरी को जमानत दी जाए.
इसके अलावा ज्यादातर समर्थकों का आरोप है कि मीडिया ने आसाराम को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप को तूल दिया. यह पहला मौका नहीं था, जब आसाराम समर्थकों ने ट्विटर पर इस तरह से अपनी आवाज उठाई है. इससे पहले पिछले साल दिसंबर महीने में भी #WhySoBiased? और BapuJi हैशटैग के जरिए आसाराम के भक्तों ने उनके समर्थन में ट्वीट किए थे.