लखनऊ| उत्तर प्रदेश सरकार को एक बाद झटका देते हुए हाईकोर्ट ने बुधवार को यह आदेश दिया है कि अब दर्जा प्राप्त मंत्री भी अपनी गाड़ियों में लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकते| सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने कहा है कि अब दर्जा प्राप्त मंत्री भी अपनी गाड़ियों में लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकते लाल बत्ती का इस्तेमाल केवल संवैधानिक पदों पर बैठे और अतिविशिष्ट व्यक्ति ही कर सकते हैं| इसको लेकर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से दो माह में जवाब मांगा है| मालूम हो कि यूपी में 100 से ज्यादा दर्जा प्राप्त मंत्री है|
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि वाहनों पर लाल बत्ती लगाने की इजाज़त केवल संवैधानिक पद पर आसीन लोगों और उच्च पदस्थ हस्तियों को ही दी जानी चाहिए ताकि स्थानीय नेता प्रतिष्ठा के प्रतीक के रूप में इसका दुरुपयोग नहीं करें। न्यायमूर्ति जी.एस.सिंघवी की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह अपने वाहनों पर लाल बत्ती का उपयोग करने के पात्र लोगों की एक ताजा सूची जारी करे। अदालत ने केंद्र सरकार से यह भी कहा कि वह इस संबंध में तीन महीने के अंदर नियम-कायदे में संशोधन करे। और राज्य सरकारों से कहा कि वह वाहनों पर लालबत्ती लगाने के पात्र विशिष्ट लोगों की सूची में विस्तार नहीं कर सकतीं।
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शीर्ष अदालत ने निजी व्यक्तियों के वाहनों में सायरन के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है और प्रशासन को निर्देश दिया है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति सी नागप्पन ने कहा कि वर्दीधारी व्यक्ति, एंबुलेंस और अग्निशमन सेवाओं, आपात सेवाओं और एस्कार्ट्स या पायलट या कानून व्यवस्था की ड्यूटी में लगे पुलिस के वाहन लाल बत्ती की बजाय नीली, सफेद और बहुरंगी बत्ती लगाएंगे।
न्यायालय ने कहा कि वाहनों पर लाल बत्तियों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने में प्रशासन बुरी तरह विफल रहा है। न्यायाधीशों ने कहा, ‘देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में लोग अपराध के लिए प्रयुक्त वाहनों में लाल बत्ती का इस्तेमाल करते हैं और वे धौंस के साथ ऐसा करते हैं क्योंकि जुर्माना लगाने की बात तो दूर लाल बत्ती की गाड़ियों की तलाशी लेने में पुलिस अधिकारी भी डरते हैं।’