FARRUKHABAD : उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी पवन कुमार को सौंपते हुए आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार बने दो वर्ष बीत चुके हैं लेकिन अभी तक शिक्षकों की लंबित समस्याओं का निदान नहीं किया गया है।
शिक्षकों ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय, जूनियर हाईस्कूल, अरबी मदरसा एवं माध्यमिक स्तर के शिक्षकों की समस्याओं के निदान के प्रति उत्तर प्रदेश सरकार की अवहेलना और उपेक्षा की नीति से शिक्षक समुदाय क्षुब्ध और आक्रोषित है। पिछली बसपा सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति से शिक्षकों ने एकजुट होकर सपा सरकार को समर्थन एवं मत दिया था। सपा ने शिक्षक समुदाय को आश्वस्त भी किया था कि सरकार बनने पर शिक्षकों की मांगों का निदान करेंगे। परन्तु खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि सरकार बनने के लगभग दो वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद शिक्षकों की किसी भी मांग का निराकरण नहीं हो सका है।
शिक्षकों ने मांग की कि बेसिक स्कूलों में तैनात शिक्षकों को उच्चीकृत ग्रेड वेतन 4600 व 4800 पर न्यूनतम मूल वेतन 17140 व 18150 दिया जाये। 1 अप्रैल 2005 व उसके पश्चात नियुक्त शिक्षकों को भी पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किया जाये। शिक्षामित्रों को पूर्ण रूपेण शिक्षक बनाया जाये तथा उनकी सेवा अनुभव व लाभ देते हुए टीईटी से मुक्त रखा जाये। आदि सहित 20 सूत्रीय मांगें शिक्षकों ने रखीं हैं।
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इस दौरान जिलाध्यक्ष विजय बहादुर सिंह यादव, राजेन्द्र प्रसाद गुप्त, संयोजक लालाराम दुबे, राजकिशोर शुक्ला, राजीव गंगवार, सर्वेश कुमार त्रिवेदी, नरेन्द्र सिंह सोलंकी आदि मौजूद रहे।