विदा लेते हुए रो पड़े सचिन, अंजली को भी रुलाया

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Sachinवेस्‍टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्‍ट मैच में तीसरे दिन, यानी शनिवार को ही भारत जीत गया और सचिन की शानदार विदाई हुई। (मैच का अपडेट पढ़ें)। शनिवार को वानखेड़े स्टेडियम में हजारों प्रशंसकों के सामने सचिन के एक-एक शब्द इतिहास का हिस्सा बनने के लिए गूंज रहे थे। दुनिया के इस महान बल्लेबाज ने रिटायरमेंट के भावुक क्षणों में अपने तमाम प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया और उन सबके प्रति आभार जताया, जिनके चलते उन्‍हें यह मुकाम हासिल हुआ। मैच खत्‍म होने के बाद सचिन ने कहा कि मेरी जिंदगी में सबसे अहम स्‍थान मेरे पिता का रहा। उनके मार्गनिर्देशन के बिना मैं कुछ नहीं कर सकता था। सचिन ने अपने सफल कॅरिअर के लिए परिवार-रिश्‍तेदार-दोस्‍तों सभी का अहम योगदान बताया। पत्‍नी अंजली के योगदान का खास तौर पर जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि अंजली का जिंदगी में आना एक अहम मोड़ था। अपने बारे में सचिन के भावुक बोल सुन अंजली अपने आंसू रोक नहीं सकीं| सचिन ने कहा-

पिछले 24 सालों में मेरी जिंदगी 22 गज में सिमटी रही। सचिन ने लिस्ट निकाली और कहा कि मैं सबके नाम लिखकर लाया हूं ताकि किसी को भूल न जाऊं। सबसे पहले अपने पिता रमेश तेंदुलकर का नाम लेकर सचिन बोले, ‘उनके निर्देशन के बिना मैं आपके सामने इस वक्त न खड़ा होता। 11 साल की उम्र में उन्होंने मुझे कहा कि अपने सपनों का पीछा करो। जब भी मैंने कुछ खास किया और अपना बल्ला हवा में उठाया, यह उन्हीं के लिए था।
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सचिन ने कहा, ‘मैं सबसे ज्यादा अपने पिता को मिस करता हूं। जिनका वर्ष 1999 में निधन हो गया था। त्याग और समर्पण के लिए अपनी मां का दिल से शुक्रगुजार हूं। मुझे बचपन से एक क्रिकेटर बनाने के लिए मेरी मां के त्याग और मेहनत के लिए मैं शुक्रगुजार हूं। मेरे भाई नितिन का भी मैं शुक्रगुजार हूं। मेरी बहन सविता ने मुझे पहला क्रिकेट बैट दिया था। अंजलि से मिलना मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत दिन था। अंजलि ने मुझसे कहा आप क्रिकेट खेलने पर ध्यान लगाइए और मैं घर का ध्यान रखती हूं। अंजलि आपका बहुत धन्यवाद, मेरा परिवार और मुझे संभालने के लिए। मेरी बेटी सारा और बेटे अर्जुन की इस बात के लिए तारीफ करता हूं कि मैं जब उनके बर्थ डे और पैरंट्स डे पर मैचों के चलते नहीं होता था, तब भी वे शिकायत नहीं करते थे। मैं बड़े भाई अजित तेंडुलकर का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे कोच रमाकांत आचरेकर मिलाया। जिसके बाद मेरी जिंदगी ही बदल गई।’

सचिन बोले, ‘मैं अपने साथी खिलाड़ियों सौरभ, राहुल, लक्ष्मण, अनिल और मेरे सामने मौजूद इस टीम इंडिया का भी मेरे साथ इतना शानदार क्रिकेट खेलने के लिए शुक्रगुजार हूं। मैं वानखेड़े में मौजूद और पूरी दुनिया में हर उस फैंस का जिन्‍होंने मुझे हर पल, चाहे मैंने जीरो रन बनाया हो या सेंचुरी, समर्थन करने के लिए हमेशा याद रखूंगा। मैं आपके द्वारा इतने सालों तक लगाए जाने वाले सचिन-सचिन के नारों को अपनी आखिरी सांस तक नहीं भूलूंगा।’