नई दिल्ली। दागियों पर अध्यादेश को लेकर न सिर्फ यूपीए बल्कि खुद कांग्रेस में भी घमासान मचा हुआ है। अध्यादेश को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। दोनों के बीच मुलाकात सुबह करीब पीएम आवास 7 आरसीआर पर 10 बजे हुई। इस दौरान राहुल ने अध्यादेश पर अपनी राय मनमोहन के सामने रखी।
करीब 25 मिनट तक चली इस मुलाकात में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के सामने अपना पक्ष रखा। सूत्रों के मुताबिक राहुल ने मनमोहन से कहा कि मैं अध्यादेश के खिलाफ हूं। हमें इस अध्यादेश को रोक लेना चाहिए। मेरा मकसद आपको असहज करना नहीं है। मैंने तो जनभावना को मीडिया के सामने रखा। मीडिया में आ रही मेरी नाराजगी की खबरें सरासर गलत हैं। मैं आपके नेतृत्व का सम्मान करता हूं। मैं कभी आप पर सवाल नहीं उठा सकता। मुझे आपको पहले ही बता देना चाहिए था।
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राहुल का पक्ष सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने भरोसा दिया है कि वो उनके उठाए मुद्दों को कैबिनेट की बैठक में उठाएंगे। आपको बता दें कि आज शाम 6 बजे कैबिनेट की बैठक होनी है। इससे पहले प्रधानमंत्री दोपहर करीब डेढ़ बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति आज ब्रसेल्स की यात्रा पर निकलने वाले हैं।
दागियों से जुड़े अध्यादेश पर राहुल गांधी के खुले विरोध के बाद सरकार पर इसे वापस लेने का दबाव है। हालांकि सरकार के कुछ सहयोगी इस मसले पर राहुल के विरोध के तरीके से सहमत नहीं हैं। लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर जनता की मंशा को देखते हुए कोई भी अध्यादेश को वापस लेने की मुखालाफत नहीं करेगा
दरअसल, राहुल के रुख ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी विचलित कर दिया है। आज अध्यादेश को लेकर कैबिनेट की मीटिंग होगी। लेकिन इससे पहले पीएम राहुल गांधी से मुलाकात की। अध्यादेश को लेकर कैबिनेट की मीटिंग शाम 6 बजे होनी है। इस बैठक में अध्यादेश का भविष्य तय हो सकता है।
कल अमेरिका से लौटने वक्त पीएम के बयानों में राहुल को लेकर उनकी नाखुशी नजर आई थी। उन्होंने कहा था कि वो राहुल से पूछेंगे कि अध्यादेश को लेकर क्या सोचते हैं। राहुल के बयान पर पीएम ने कहा कि मैं ये तय नहीं कर सकता कि कौन क्या कहता है। मैं जब मैं लौटूंगा तो उनसे पूछूंगा कि उन्होंने इस तरह के प्रतिक्रिया क्यों दी और वो इसे लेकर क्या सोचते हैं। आज कैबिनेट मीटिंग से पहले मनमोहन इसी मुद्दे पर राहुल से बात की।
क्या कहा था राहुल ने?
गौरतलब है कि कैबिनेट द्वारा पास इस अध्यादेश के बारे में राहुल गांधी ने कहा था कि ये बकवास है और फाड़कर फेंक देने लायक है। इसके बाद पूरी कांग्रेस राहुल के पक्ष में आ गई और उनके रुख को ही पार्टी का रुख बताने लगे। हालांकि राहुल के बयान से पहले कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार के साथ थी। राहुल के इस बयान पर पीएम की नाराजगी की बात कही जा रही थी।