FARRUKHABAD : अदालत द्वारा 10 दिन पूर्व लोहिया अस्पताल के सीएमएस के खिलाफ हरिजन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये गये थे। लेकिन लोहिया अस्पताल में हड़ताल का भय पुलिस को शायद सता रहा है। इसी कारण अभी तक पुलिस ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया और आदेश को फाइलों में दबाये हुए है।
बीते 27 जून को लोहिया अस्पताल के निलंबित बार्ड व्याय वेदराम के पुत्र अर्पित को दुर्घटना हो जाने के चलते भर्ती कराया गया था। उस समय आपातकालीन बार्ड में सीएमएस ए के मिश्रा ड्यूटी पर तैनात थे। बार्ड व्याय सहित उसके पुत्र करन सिंह व उसकी पत्नी के साथ डाक्टर ए के मिश्रा ने अभद्रता कर दी थी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि डाक्टर ने विभागीय खुन्नस निकालते हुए उसे जाति सूचक गालियों के साथ मारपीट करने का प्रयास भी किया था।
घटना के बाद 12 सितम्बर को बार्ड व्याय के पुत्र करन सिंह ने याचिका दायर की। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर डा0 ए के मिश्रा के खिलाफ फर्रुखाबाद कोतवाली पुलिस को हरिजन उत्पीड़न का मुकदमा पंजीकृत करने के बाद विवेचना के आदेश दिये गये थे। लेकिन कोतवाल ने अदालत के आदेश को भी दरकिनार कर दिया। बीते 10 दिन से आदेश कोतवाली की फाइलों में बंद है और पुलिस इस विषय में कुछ भी जानकारी न होने की बात कह रही है।
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इस सम्बंध में कोतवाली के एस एस आई हरिश्चन्द्र ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि उनके पास इस सम्बंध में कोई भी आदेश नहीं आया है।क्षेत्राधिकारी नगर योगेन्द्र कुमार सिंह ने भी कोई जानकारी न होने की बात कही। याद दिलाने पर श्री सिंह ने कहा कि कार्यवाही क्यों नहीं हुई इसकी जानकारी की जायेगी।