मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रविवार को दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए मुजफ्फरनगर पहुंच गए। वहां उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है। इस दौरान लोगों ने अखिलेश को काले झंडे दिखाए और विरोध में नारे लगाए। दौरे के बाद अखिलेश यादव ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं अखिलेश ने सोशल मीडिया और मोबाइल के जरिए बांटी गईं फर्जी वीडियो को भी हिंसा भड़कने का एक बड़ा कारण बताया।
आठ जगह अस्थाई हैलीपैड बनाए गए थे।
प्रधानमंत्री के सोमवार को मुजफ्फरनगर पहुंचने की सुगबुगाहट होते ही आनन-फानन में उनसे पहले मुख्यमंत्री का दौरा तय कर दिया गया। एसपीजी की टीम ने जैसे ही मुजफ्फरनगर में डेरा डालकर पीएम के दौरे की तैयारियां शुरू की, तो मुख्यमंत्री के दौरे का कार्यक्रम भी तय हो गया।
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हालांकि शनिवार सुबह इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राष्ट्रीय बीज कांग्रेस का समापन करने पहुंचे अखिलेश ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि मुजफ्फरनगर जाने का कार्यक्रम जल्द ही पता चल जाएगा।
इसके कुछ ही घंटे बाद एडीजी लॉ एंड आर्डर अरुण कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री रविवार को मुजफ्फरनगर के दौरे पर जाएंगे। उनके दौरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। सात-आठ जगह अस्थाई हैलीपैड बनाए गए हैं।
सीएम और पीएम के मुजफ्फरनगर दौरे की तैयारियों को लेकर प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने आज आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
अफसरों में हड़कंप
पीएम और सीएम के दौरे को लेकर अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है। अफसरों की कोशिश है कि हालातों की असल तस्वीर हुक्मरानों तक न पहुंच सके। माना जा रहा है कि सीएम के दौरे के बाद कई और बड़े अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।
मुजफ्फरनगर में हालात सामान्य होने का दावा
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) अरुण कुमार ने शनिवार को यहां दावा किया कि अब मुजफ्फरनगर व आसपास के जिलों में हालात सामान्य हैं।
आज सुबह लगभग 9:15 बजे लोई कस्बा में सुभाष उर्फ अनिल व राजीव जंगल में घास लेने गये थे। वहां अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें गोली मार दी। इसे लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इसके बाद पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी है। मौके पर भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है।
स्पेशल इन्वेस्टीगेशन सेल करेगी जांच
मुजफ्फरनगर में 27, 30, 31 अगस्त और सात सितंबर को हुए दंगों की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन सेल का गठन किया गया है। इस सेल में विवेचना में माहिर पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है। यह टीम भड़काऊ भाषण देने वालों, आपत्तिजनक वीडियो डालने वालों और उन्माद फैलाने वालों के खिलाफ साक्ष्य जुटाएगी।
एसएसपी को किया सस्पेंड
अपने दौरे पर घटना को गंभीरता से लेते हुए अखिलेश यादव ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चन्द दुबे को निलंबित कर दिया।
सूत्रों के अनुसार हिंसा के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुभाष चन्द दुबे को नौ सितम्बर को हटाकर पुलिस महानिदेशक कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया था।
हिंसा के बाद कई थाना प्रभारियों को निलंबित किया गया था लेकिन किसी भी बडे पुलिस अधिकारी का पहला निलंबन है। इस घटना के सिलसिले में अभी और अधिकारी भी निलंबित होंगे।
हिंसा को रोकने में नाकाम रहने पर कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं।