राजकीय इंटर कॉलेजों में होने वाली एलटी ग्रेड भर्तियों में अब परास्नातक अभ्यर्थियों को अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा। सरकार ने इन भर्तियों में पीजी के अंकों का वेटेज खत्म करने की तैयारी कर ली है। नियमावली में इस नए संशोधन को शिक्षा विभाग ने सहमति दे दी है। जल्द ही कैबिनेट बैठक में इस संशोधन प्रस्ताव को रखा जाएगा।
हाईस्कूल तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश में लगभग 6000 भर्तियां होनी हैं। इनमें पुरुष और महिलाओं के लिए आधे-आधे पद हैं।
राजकीय इंटर कॉलेजों में पहले 3000 भर्तियों का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इनमें 1500 पुरुष और 1500 महिला शिक्षकों की भर्ती होनी थी।
शिक्षकों के करीब 7000 पद खाली हैं। राजकीय शिक्षक संघ की एकमुश्त सभी भर्तियां कराने की मांग पर भर्तियों की संख्या 3000 से बढ़ाकर 6000 कर दी गई। इन पदों के लिए शैक्षिक अर्हता स्नातक थी। जो परास्नातक होते थे उन्हें 15 अंकों का अतिरिक्त वेटेज दिया जाता था।
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इस पर भी आपत्ति यह उठती रही है कि कई अभ्यर्थी जिस विषय के अध्यापक के लिए आवेदन करते थे, उसमें पीजी नहीं होते। दूसरे विषय में पीजी होने पर भी उन्हें अतिरिक्त अंकों का लाभ मिल जाता था। लेकिन इसका कोई लाभ स्टूडेंट्स को नहीं मिलता था। इस पर कई मामले कोर्ट में भी लम्बित हैं। इसी को देखते हुए नियमावली में संशोधन की बात शासन ने कही थी।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने यह संशोधन प्रस्ताव शासन को भेज दिया। शासन स्तर पर भी इस पर सहमति बन गई है। अब कार्मिक विभाग की सहमति के बाद इसे कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। नए संशोधन के मुताबिक अब केवल हाईस्कूल, इंटर और स्नातक के अंकों के आधार पर ही मेरिट तैयार की जाएगी। परास्नातक के अंकों का वेटेज नहीं दिया जाएगा। ऐसे में अभी कैबिनेट की मंजूरी तक शिक्षकों को और इंतजार करना होगा।